
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों सहित 1.11 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में 1,100 रुपए प्रति माह की बढ़ी हुई पेंशन राशि की पहली किस्त वितरित की। अधिकारियों ने बताया कि यहां एक समारोह में छह विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 1,227 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा की गई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बिहार सरकार ने 24 जून को पेंशन राशि 400 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1,100 रुपए कर दी थी। इस अवसर पर सीएम कुमार ने कहा, “बुजुर्ग समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनके लिए एक सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम इस दिशा में प्रयास जारी रखेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह राशि हर महीने की 10 तारीख को वितरित की जाए।”
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, “हमारी सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। हमने उनकी शिक्षा, सुरक्षा और रोज़गार को प्राथमिकता देकर महिला सशक्तिकरण के मामले में एक मिसाल कायम की है। 2005 से पहले पिछली सरकारों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। हमारे सत्ता संभालने के बाद ही असली बदलाव शुरू हुआ।”
बिहार में विपक्ष के साथ हाथ मिलाकर अतीत में की गई “गलतियों” का ज़िक्र करते हुए सीएम कुमार ने कहा, “मैं दो बार इधर-उधर भटक गया, लेकिन अब मैं एनडीए के साथ हूं और हमेशा गठबंधन के साथ रहूंगा, और राज्य के विकास के लिए काम करूंगा।”
राज्य का समाज कल्याण विभाग छह पेंशन कार्यक्रम संचालित करता है, जिनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मधुबनी ज़िले में इन योजनाओं के लिए सबसे ज़्यादा 5,53,848 लाभार्थी हैं, इसके बाद पटना में 5,26,339 लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि शेखपुरा में 71,971 लाभार्थियों के साथ सबसे कम संख्या है, जहां कुल 7.95 करोड़ रुपए वितरित किए गए।
पहली किस्त के वितरण पर टिप्पणी करते हुए समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी ने बताया कि यह केवल एक वित्तीय वृद्धि नहीं है, बल्कि समाज के सबसे हाशिए पर पड़े वर्ग के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है ताकि वे सम्मान और आत्मसम्मान के साथ जीवन जी सकें।
उन्होंने कहा, “यह उनके लिए एक महान दिन था… इसे पूरे राज्य में ‘पेंशन उत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। पेंशन राशि में यह भारी वृद्धि राज्य सरकार की सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
प्रेयशी ने कहा, “विकलांग, विधवा और वृद्ध आबादी अक्सर स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुंच, सामाजिक अलगाव और आर्थिक निर्भरता जैसी समस्याओं से जूझती है। बिहार सरकार उन्हें छह सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, जिनमें लाभार्थियों की व्यापक पहुंच है।”
उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में, राज्य विकलांगता पेंशन के अंतर्गत 9.6 लाख लाभार्थी, इंदिरा गांधी विकलांगता पेंशन (1.1 लाख), इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन (35.6 लाख), मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन (49.9 लाख), इंदिरा गांधी विधवा पेंशन (6.3 लाख) और विधवाओं के लिए लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन (8.6 लाख) शामिल हैं। पेंशन योजनाओं का कुल वार्षिक व्यय 5,469 करोड़ रुपए से बढ़कर 14,678 करोड़ रुपए हो गया है।
प्रेयशी ने कहा, “सभी पेंशन योजनाओं के कुल लाभार्थियों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से 54.5 प्रतिशत और 45.5 प्रतिशत के अनुपात में अधिक है। यह राज्य में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की अन्य उपायों के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है।”