
इंदौर। स्थानांतरणीय नौकरियों में लगे लोगों के लिए वाहन स्थानांतरण को आसान बनाने के लिए शुरू की गई भारत सीरीज़ (बीएच) परिवहन विभाग के लिए कर वसूली का सिरदर्द बनती जा रही है। इंदौर आरटीओ ने बीएच-सीरीज़ वाहन मालिकों पर कार्रवाई शुरू की है, जो अपना द्विवार्षिक रोड टैक्स नहीं चुका रहे थे। इस हफ़्ते सिर्फ़ सात वाहनों से 3 लाख रुपए से ज़्यादा की वसूली की गई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!हालांकि, बीएच-सीरीज़ पंजीकरण मालिकों को राज्य-दर-राज्य स्थानांतरण औपचारिकताओं से छूट देता है, फिर भी उन्हें हर दो साल में रोड टैक्स देना होता है। अधिकारियों ने बताया कि कई मालिक शुरुआती पंजीकरण के बाद टैक्स का भुगतान नहीं करते, जिसके कारण विभाग को अब नोटिस और ज़ब्ती की चेतावनी जारी करनी पड़ रही है।
परिवहन मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार, इंदौर आरटीओ ने 20,000 से ज़्यादा वाहनों की सूची तैयार की है, जिन पर कुल 400 करोड़ रुपए से ज़्यादा का टैक्स बकाया है। इस सूची में कई पुराने या कबाड़ हो चुके वाहन भी शामिल हैं, इसलिए फिलहाल अधिकारी हाल ही में कर न चुकाने वालों, खासकर पिछले साल के कर न चुकाने वालों पर नज़र बनाए हुए हैं।
आरटीओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि बकाया वाहन मालिकों को नोटिस भेजे गए हैं और फ़ोन कॉल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो उनके वाहन ज़ब्त कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल के बकाया कर वाले 200 से ज़्यादा बीएच-सीरीज़ वाहनों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
बीएच-सीरीज़ योजना 2022 में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और राज्यों के बीच अक्सर स्थानांतरित होने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए वाहन स्वामित्व को आसान बनाने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत बीएच-पंजीकृत वाहनों को राज्यों के बीच स्थानांतरण के दौरान पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होती है और इसके बजाय उन्हें हर दो साल में टैक्स का भुगतान करना होता है।
टैक्स संरचना की जानकारी देते हुए आरटीओ की चौपहिया वाहन शाखा के प्रभारी रोहित अटूट ने कहा कि मालिकों को हर दो साल में वाहन के मूल्य का 1.25% कर देना होगा। उदाहरण के लिए 10 लाख रुपए के वाहन पर 12,500 रुपए का टैक्स लगता है। देरी होने पर प्रतिदिन 100 रुपए का जुर्माना लगता है।