
—अधिकारियों को डंपसाइट डेटा अपलोड में त्रुटि का संदेह
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भोपाल। डेटा सबमिशन में संभावित तकनीकी या लिपिकीय त्रुटि के कारण भोपाल को स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 रैंकिंग में शीर्ष स्थान से हाथ धोना पड़ा। कचरा प्रबंधन में शहर की बड़ी कामयाबी के बाद भी विशेष रूप से 40 साल पुराने भानपुर डंपसाइट को वैज्ञानिक तरीके से बंद करने के बावजूद भोपाल को “डंपसाइटों के उपचार” श्रेणी में 0% अंक मिले, जिससे लोग और अधिकारी दोनों ही हैरान हैं।
भानपुर लैंडफिल कभी शहरी कचरा कुप्रबंधन का प्रतीक था, उसको भोपाल नगर निगम (बीएमसी) ने एक हरे-भरे क्षेत्र में बदल दिया है। लगभग 7.23 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे का वैज्ञानिक तरीके से उपचार किया गया और 21 में से 16 एकड़ भूमि को गोल्फ कोर्स जैसे हरे-भरे क्षेत्र में विकसित किया गया है।
भानपुर में कचरा डंपिंग 2018 के बाद बंद हो गई है और अब इसे आदमपुर छावनी भेजा जाता है, जहां प्रतिदिन 800 मीट्रिक टन कचरा संसाधित किया जाता है। इन उपलब्धियों के बावजूद स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के परिणाम शून्य प्रतिशत सुधार दर्शाते हैं, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। इसके विपरीत घर-घर कचरा संग्रहण, आवासीय क्षेत्र की स्वच्छता, बाज़ार की स्वच्छता, सार्वजनिक शौचालय और तालाब की स्वच्छता जैसे अन्य घटकों को 100% अंक मिले।
बताया जाता है कि भानपुर और आदमपुर सुविधाओं से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज़ सर्वेक्षण पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए थे, लेकिन जमा करते समय कोई त्रुटि हो सकती है। इस विसंगति की जांच के लिए शुक्रवार को दिल्ली में एक पोस्ट-अवॉर्ड बैठक आयोजित की गई।
मध्य प्रदेश नगरीय प्रशासन विभाग (एमपीयूएडी) के अधिकारियों के अनुसार, भोपाल को कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) श्रेणी में 7-स्टार रेटिंग मिली है और जीएफसी के तहत किसी भी शहर को स्टार देने के लिए पहली और बुनियादी आवश्यकता सत्यापित कचरा प्रसंस्करण है।
पिछले साल तक राजधानी भोपाल के अपशिष्ट प्रबंधन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त थी। हालांकि, इस वर्ष उज्जैन को डंपसाइट सुधार श्रेणी में 62% अंक मिले, जबकि भोपाल को शून्य, जिससे स्थानीय अधिकारियों में निराशा और अविश्वास पैदा हुआ।
मध्य प्रदेश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने इस विसंगति की विस्तृत जांच का वादा किया है।
हालांकि, नगर निगम आयुक्त का कहना है कि परिणाम का यह हिस्सा चौंकाने वाला है। आदमपुर में हमारे दैनिक प्रसंस्करण प्रयासों को देखते हुए यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है कि हमें शून्य अंक मिले। मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही स्पष्टीकरण मिलने की उम्मीद है।