
भोपाल। मध्य प्रदेश में डेटा लीक को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) के कर्मचारियों की पुलिस स्कैनिंग केंद्रों तक पहुंच के संबंध में सख्त दिशा—निर्देश जारी किए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अधिकारियों ने बताया कि एमपीएसईडीसी 1 लाख से ज़्यादा पुलिस कर्मियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) और सेवा पुस्तिकाएं ई-एचआरएमएस पोर्टल पर अपलोड कर रहा है। लगभग दो महीने बाद पुलिस मुख्यालय को एहसास हुआ कि एमपीएसईडीसी के कर्मचारियों द्वारा गोपनीय डेटा लीक होने का ख़तरा हो सकता है।
पुलिस सेवा पुस्तिका सत्यापन के दौरान एमपीएसईडीसी कर्मचारियों की प्रविष्टि को अब नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। सेवा अभिलेखों को एमपीएसईडीसी द्वारा अधिकृत एक निजी संगठन द्वारा बारी-बारी से स्कैन किया जाता है।
सख्त दिशा—निर्देश
अधिकारियों और कर्मियों का डेटा अत्यधिक संवेदनशील होता है। पुलिस इकाइयों को सूचित किया गया है कि एमपीएसईडीसी के कर्मचारियों और उनके अधिकृत कर्मचारियों को गैर-सरकारी कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन, स्टोरेज डिवाइस या क्लाउड पर डेटा संग्रहीत करने की सख़्त मनाही है। कार्यस्थल के बाहर डेटा ले जाने की अनुमति नहीं है।
स्कैनिंग के दौरान डेटा सुरक्षित रखने के लिए, पुलिस इकाइयों को एमपीएसईडीसी कर्मचारियों की प्रवेश और निकास द्वार पर गहन तलाशी लेनी होगी और स्कैनिंग केंद्रों के अंदर किसी भी स्टोरेज डिवाइस की अनुमति नहीं होगी।
डेटा चोरी या आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए। कर्मचारियों को प्रतिदिन एक लिखित वचन देना होगा कि उन्होंने डेटा को अनधिकृत रूप से संग्रहीत नहीं किया है। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए और किसी भी डेटा उल्लंघन की सूचना तुरंत पुलिस मुख्यालय को दी जानी चाहिए।
ई-एचआरएमएस पोर्टल
ई-एचआरएमएस पोर्टल कागजी कार्रवाई को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सभी मध्य प्रदेश पुलिस कर्मियों के सेवा रिकॉर्ड को डिजिटल करता है। इसमें नियुक्तियों, पोस्टिंग, छुट्टियों आदि का पूरा रिकॉर्ड होता है। भविष्य में स्थानांतरण और छुट्टी के लिए आवेदन इसी पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत किए जाएंगे, जिससे पुलिस प्रशासन और अधिक कुशल हो जाएगा।