
नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय विमानों को मार गिराने के पाकिस्तान के दावे सिर्फ़ कहानियां हैं। अगर उनके पास कोई सबूत है, तो उन्हें दिखाना चाहिए। भारत ने उनके पांच लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया, जिनमें एक F16 और J17 शामिल हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ऑपरेशन सिंदूर के बारे में एपी सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 300 किलोमीटर अंदर घुसकर हमला किया। पहलगाम हमले के बाद हमने तय किया कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। सेना को पूरी छूट दी गई थी। हमने सटीक हमला किया। बाद में पाकिस्तान खुद युद्धविराम के लिए आगे आया।
यह दूसरी बार है, जब वायुसेना प्रमुख ने पाकिस्तान के नुकसान का खुलासा किया है। इससे पहले 9 अगस्त को उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था। इसके अलावा लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से एक निगरानी विमान को मार गिराया गया था। ज़मीन से हवा में मार करने वाले लक्ष्यों का यह रिकॉर्ड है।
अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने हमारे (भारतीय) 15 जेट मार गिराए हैं, तो उन्हें सोचने दीजिए। मैं इस पर चर्चा क्यों करूँ? आज भी मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा कि क्या हुआ, कितना नुकसान हुआ, या कैसे हुआ, क्योंकि उन्हें पता तो चलने दीजिए। क्या आपने हमारे किसी एयरबेस पर किसी चीज के गिरने, हमें टक्कर मारने, किसी हैंगर को नष्ट करने या ऐसी किसी भी चीज़ की एक भी तस्वीर देखी है?
हमने उन्हें उनके ठिकानों की बहुत सारी तस्वीरें दिखाईं, लेकिन वे हमें एक भी तस्वीर नहीं दिखा पाए। ये उनकी “मनोहर कहानियां” हैं। उन्हें खुश रहने दीजिए। आख़िरकार, उन्हें भी अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए अपने लोगों को कुछ तो दिखाना ही होगा। मुझे परवाह नहीं।
जहां तक पाकिस्तान के नुकसान की बात है, वे चिंतित हैं। हमने उनके कई एयरबेस और ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में कम से कम चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर और दो जगहों पर रनवे क्षतिग्रस्त हो गए। तीन हैंगर भी नष्ट हो गए और कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान नष्ट हो गए।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादियों द्वारा नए ठिकाने बनाने की खबरों के बारे में एपी सिंह ने कहा, “जाहिर है, ऐसा होना ही था। हमें ऐसी खबरें भी मिल रही हैं कि वे बड़े ठिकानों के बजाय छोटे ढांचे बना रहे होंगे, लेकिन हम उन्हें और उनके ठिकानों को अभी भी नष्ट कर सकते हैं। इसलिए, हमारे विकल्प नहीं बदले हैं।”
भारतीय सेना को एक स्पष्ट संदेश दिया गया। यह एक ऐसा सबक है, जो इतिहास में दर्ज होगा। यह एक ऐसा युद्ध था जो एक लक्ष्य के साथ शुरू हुआ और बिना किसी तनाव के जल्दी ही समाप्त हो गया। हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है।
चल रहे दो युद्धों (रूस-यूक्रेन और इज़राइल-हमास) को समाप्त करने की कोई बात नहीं हो रही है, लेकिन हमने अपनी लड़ाई को उस बिंदु तक बढ़ा दिया जहाँ दुश्मन ने युद्धविराम की मांग की। मैं समझता हूं कि यह ऐसी बात है जो विश्व को हमसे सीखने की जरूरत है।