
नई दिल्ली। देश में पुलिस के साथ अन्य संस्थाएं जहां हेलमेट को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रही हैं, वहीं हेलमेट नहीं पहनने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है। ऐसे में न सिर्फ बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के चालान काटे जा रहे है, बल्कि उन्हें भारी—भरकम जुर्माना भी भरना पड़ रहा है। इसको लेकर ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दरअसल, ACKO ने दिसंबर 2024 और जून 2025 के बीच एकत्र किए गए लाखों डेटा बिंदुओं के आधार पर पहली चालान रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 10.5 मिलियन से अधिक बिना हेलमेट गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए, जो कुल ट्रैफ़िक चालान का 34.8% है। यह रिपोर्ट एक चिंताजनक प्रवृत्ति का भी खुलासा करती है। भारतीय सड़कों पर हर तीसरा सवार बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहा है, जिससे न केवल उनकी जान को खतरा है, बल्कि भारी जुर्माना भी लग रहा है।
बेंगलूरु के वाहन चालक सबसे लापरवाह
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलूरु में बार-बार नियम तोड़ने वालों की संख्या सबसे ज़्यादा है, जहां 10.8% सवारों के 10 से ज़्यादा चालान लंबित हैं। दिल्ली में चालान की दर सबसे ज़्यादा है, जहाँ 73% लोगों पर कम से कम एक चालान हुआ है। डिजिटल निगरानी भी बढ़ रही है, खासकर बेंगलुरु में, जहाँ 23% चालान कैमरों और मोबाइल उपकरणों के ज़रिए जारी किए गए। इससे काफ़ी आर्थिक नुकसान हुआ है।
किसी ने 44000 तो किसी ने 61 हजार भरा जुर्माना
बेंगलुरु में एक वाहन चालक ने 89 चालानों के लिए 44,500 रुपए का जुर्माना भरा, जबकि दिल्ली में एक ड्राइवर ने पांच चालानों के लिए 61,000 रुपए, दिल्ली में एक अन्य उपयोगकर्ता ने चार चालानों के लिए 60,500 रुपए और नोएडा में एक उपयोगकर्ता ने दो चालानों के लिए 31,000 रुपए जुर्माने का भुगतान किया।
दूसरे नंबर पर चेन्नई, तीसरे नंबर पर दिल्ली
यह रिपोर्ट भारत भर के प्रमुख शहरों में ड्राइविंग व्यवहार का गहन विश्लेषण प्रदान करती है। लगातार नियम तोड़ने वालों की सूची में बेंगलूरु सबसे ऊपर है, जहाँ 10.8% उपयोगकर्ताओं पर 10 से ज़्यादा चालान लंबित हैं। चेन्नई (8.1%) दूसरे स्थान पर है, उसके बाद दिल्ली (5.7%), मुंबई (4.8%), पुणे (3.2%), कोलकाता (2.3%), हैदराबाद (1.7%), और अहमदाबाद (1.6%) हैं।
चेन्नई में सबसे ज्यादा चालान चेक करते हैं ड्राइवर
चेन्नई में ड्राइवर अपने चालान की सबसे अधिक बार जांच करते हैं, औसतन महीने में पांच बार। उनके बाद बेंगलुरु (4.12%), कोलकाता (3.29%), अहमदाबाद (2.85%), और दिल्ली (2.76%) का स्थान है। अकेले बेंगलुरु में 1.45 मिलियन चालान चेक हुए, जिसमें 61% उपयोगकर्ताओं के पास कम से कम एक चालान था। दिल्ली में सबसे ज्यादा चालान दर थी, जिसमें 73% उपयोगकर्ताओं के पास कम से कम एक चालान था। इसके बाद चेन्नई (64%), मुंबई (62%), बेंगलुरु (61%), और अहमदाबाद (61%) का स्थान है।