भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में 3 करोड़ रुपए के हवाला घोटाले के सिलसिले में पुलिस ने एसडीओपी (सीएसपी) पूजा पांडे समेत 6 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश पर 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती, अवैध रूप से बंधक बनाने, अपहरण और आपराधिक षडयंत्र रचने जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गलती करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : सीएम
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि एक डीएसपी स्तर के अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है। अन्य पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के साथ ही एफआईआर भी दर्ज की गई है। 11 पुलिसकर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
लखनवाड़ा पुलिस थाने में आरोपी पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 310 (2) (डकैती), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 140 (3) (अपहरण) और 61 (2) (आपराधिक षडयंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है। घटना के तुरंत बाद सभी 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
मंगलवार को एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, एसडीओपी कार्यालय से कांस्टेबल माखन इनवाती, योगेंद्र चौरसिया और जगदीश यादव और बंडोल थाने से कांस्टेबल नीरज राजपूत को गिरफ्तार किया गया।
दो आरोपी नागपुर से गिरफ्तार
गौरतलब है कि सोमवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने सिवनी हवाला मामले में नागपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आकाश जैन से 1 करोड़ रुपए और अमन गुरनानी से 25 लाख रुपए जब्त किए। पुलिस ने इस कार्रवाई में कुल 2 करोड़ 70 लाख रुपए जब्त किए हैं।
हालांकि, बाकी रकम की जांच अभी जारी है। रेंज महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा के निर्देश पर, जबलपुर शहर के एएसपी आयुष गुप्ता ने जांच की और पाया कि एसडीओपी पूजा पांडे और अन्य पुलिस अधिकारी कटनी के व्यापारी से पैसे लेने के दोषी हैं।
यह था पूरा मामला
सिवनी पुलिस ने नागपुर निवासी सोहन परमार से लगभग 3 करोड़ जब्त किए थे। पुलिस पर आरोप है कि उसने केवल 14 लाख की ज़ब्ती बताई। इसके अलावा उन्होंने बिना कोई कार्रवाई किए आरोपी को छोड़ दिया। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
9 अक्टूबर को सीएसपी पूजा पांडे और एसआई अर्पित भैरम ने यह 1.45 करोड़ जमा कराए। मामला सामने आने के बाद आईजी प्रमोद वर्मा ने 9 अक्टूबर की रात थाना प्रभारी अर्पित भैरम समेत नौ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इसके बाद 10 अक्टूबर को डीजीपी कैलाश मकवाना ने एसडीओपी पूजा पांडे को भी निलंबित कर दिया था।