
—मध्यप्रदेश का अब पहला मेट्रो सिटी बना देश का सबसे स्वच्छ शहर
इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई (शनिवार) को बहुप्रतीक्षित ‘इंदौर मेट्रो’ को हरी झंडी दिखाकर आधिकारिक रूप से इसका शुभारंभ किया। यह दिन मालवा के लिए वाकई खास है, क्योंकि यह देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती है। इस वर्चुअली शुभारंभ के दौरान इंदौर मेट्रो ने अपनी पहली यात्रा शुरू की, जो भारत के सबसे स्वच्छ शहर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।
देवी अहिल्या बाई होल्कर की भूमि में मेट्रो की पहली सवारी का शहर की महिलाओं ने स्वागत किया, जो मेट्रो का एक्सीलेटर खींचते ही खुशी से झूम उठीं और नाचने लगीं। उद्घाटन यात्रा गांधीनगर मेट्रो स्टेशन से शुरू हुई और सुपर कॉरिडोर 3 स्टेशन पर समाप्त हुई।
इंदौर मेट्रो के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल के जंबूरी मैदान में महिला सम्मेलन से दतिया और सतना हवाई अड्डों का वर्चुअली शुभारंभ किया। इंदौर मेट्रो के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में महिला सम्मेलन में भाग लेते हुए दतिया और सतना हवाई अड्डों का वर्चुअली शुभारंभ किया। इतिहास उद्घाटन के अवसर पर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव और राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी मौजूद थे
इंदौर मेट्रो रेल का लगभग 6 किलोमीटर का हिस्सा येलो लाइन के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर का हिस्सा है, जिसमें पांच स्टेशन शामिल हैं।
- गांधीनगर स्टेशन
- सुपर कॉरिडोर 6 स्टेशन
- सुपर कॉरिडोर 5 स्टेशन
- सुपर कॉरिडोर 4 स्टेशन
- सुपर कॉरिडोर 3 स्टेशन
इस कॉरिडोर का उद्देश्य शहर में यातायात और प्रदूषण को कम करना है। पहले सप्ताह के दौरान, यात्री मेट्रो में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।
इंदौर मेट्रो का खर्च
इंदौर मेट्रो का पहला व्यावसायिक रन, जो येलो लाइन के लगभग 6 किलोमीटर हिस्से पर शुरू हुआ। 1,520 करोड़ का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर है।
इंदौर मेट्रो के अन्य स्टेशन
इंदौर मेट्रो की पूरी परियोजना 31 किलोमीटर तक फैली हुई है। वर्तमान में, केवल 5.9 किलोमीटर ही चालू है। अन्य स्टेशनों में शामिल हैं।
भवरसाला चौराहा, एमआर 10 रोड, सुपर कॉरिडोर 1, सुपर कॉरिडोर 2, सुपर कॉरिडोर 3, सुपर कॉरिडोर 4, सुपर कॉरिडोर 5, सुपर कॉरिडोर 6 गांधी नगर (वर्तमान परिचालन विस्तार का प्रारंभिक बिंदु)।
इंदौर का परिवहन इतिहास
इंदौर की रेलवे जड़ें 150 साल से भी अधिक पुरानी हैं, जब होल्कर शासकों ने इंदौर-खंडवा रेल लाइन की शुरुआत की थी। 1870 में 1 करोड़ की लागत से उस युग के लिए एक बहुत बड़ा खर्च।
पहली लंबी दूरी की ट्रेन
5 साल बाद 1876 में पहली ट्रेन चलनी शुरू हुई। 1956 में इंदौर ने बिलासपुर के लिए अपनी पहली लंबी दूरी की ट्रेन देखी।
आजादी के बाद: 1980 के दशक तक इंदौर सरकार द्वारा संचालित सिटी बस प्रणाली पर निर्भर था। सार्वजनिक परिवहन के प्राथमिक साधनों में मिनी बसें (स्थानीय रूप से नगर सेवा कहा जाता है), टेम्पो और ऑटो-रिक्शा शामिल थे।
AICTSL: 25 साल बाद 2005 में अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (ICTSL) की स्थापना की गई, ताकि सिटी बस सेवाओं को नया रूप दिया जा सके और एक अधिक संगठित, कुशल प्रणाली प्रदान की जा सके
BRTS: और फिर इंदौर में सबसे सफल और कुशल परिवहन प्रणाली आई, जिसमें समर्पित गलियारे और आधुनिक बसें थीं, जिन्हें शहर में एक विशेष समूह द्वारा पसंद किया जाता था। और आज 2025 में इंदौर आधिकारिक तौर पर एक ‘मेट्रो सिटी’ बन गया है।