
नई दिल्ली। केंद्र सरकार बुधवार को संसद में तीन विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को हटाने का प्रावधान है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!संविधान संशोधन विधेयक
ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025; और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।
केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 के उद्देश्यों और कारणों के कथन के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार अधिनियम, 1963 (1963 का 20) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
अतः ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार अधिनियम, 1963 की धारा 45 में संशोधन की आवश्यकता है। विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार, संविधान के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
अतः ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढाँचा प्रदान करने हेतु संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की आवश्यकता है। यह विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 का उद्देश्य यह है कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
अतः ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन की आवश्यकता है। यह विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।