
नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे जल्द ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में जानेंगे। विनायक दामोदर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल पर आधारित पाठ जल्द ही कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएँगे। यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को दी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सूद ने कहा, “छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना विकसित करने और मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्कूली पाठ्यपुस्तकों में आरएसएस पर अध्याय जोड़े जा रहे हैं।” उन्होंने बताया कि “राष्ट्रनीति” नामक एक नए शैक्षिक कार्यक्रम के तहत, कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों में नागरिक जागरूकता, नैतिक शासन और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने के लिए अध्याय जोड़े जा रहे हैं। “राष्ट्रनीति” कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 18 सितंबर को भारत मंडपम में आयोजित “नमो विद्या उत्सव” के तहत किया था।
इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को आरएसएस की उत्पत्ति और इतिहास, उसकी विचारधारा, प्राकृतिक आपदाओं और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वयंसेवकों की भूमिका के बारे में पढ़ाया जाएगा। संगठन के बारे में भ्रांतियों को दूर करने का भी प्रयास किया जाएगा।
आरएसएस के सामाजिक योगदान पर अध्याय
नए पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस की भागीदारी के साथ-साथ उसके सामाजिक कार्यों को भी शामिल किया जाएगा। इसमें रक्तदान अभियान, भोजन वितरण, केदारनाथ और बिहार बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान राहत और बचाव अभियान, और कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता शामिल होगी।
प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल
नए पाठ्यक्रम में 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित आरएसएस के इतिहास को भी शामिल किया जाएगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के बारे में भी जानकारी शामिल होगी, जो इससे जुड़े रहे हैं।
पाठ्यक्रम में गुमनाम नायकों पर भी विषय शामिल होंगे। इसमें सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसी हस्तियों के बारे में पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों के लिए एक पुस्तिका तैयार की गई है और एससीईआरटी में प्रशिक्षण सत्र चल रहे हैं। अतिरिक्त पाठ्यक्रम विषयों पर चर्चा चल रही है।