
भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भोपाल ने बालाघाट में हुए कुख्यात डबल मनी घोटाले के सिलसिले में 2.98 करोड़ रुपए की 25 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि बालाघाट जिले के दो पुलिस थानों में दर्ज तीन एफआईआर की जांच के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई। ये एफआईआर अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध (बीयूडीएस) अधिनियम, 2019 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थीं।
अधिकारियों के अनुसार, आरोपी सोमेंद्र कंकरयाने, प्रदीप कंकरयाने, तमेश मंसूरे और राकेश मंसूरे ने कम समय में उनका पैसा दोगुना करने का वादा करके निर्दोष निवेशकों को लुभाया था। कुछ मामलों में, उन्होंने निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए तथाकथित परिपक्वता राशि के लिए पोस्ट-डेटेड चेक भी जारी किए। हालांकि, आरोपी वादा की गई राशि वापस करने में विफल रहे, जिसके कारण कई एफआईआर दर्ज की गईं। पुलिस द्वारा आरोपपत्र दायर किए जाने के बाद ईडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की और पीएमएलए के तहत जांच शुरू की।
ईडी की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने निवेशकों से नकद या सीधे अपने स्वामित्व वाली कंपनी के बैंक खातों में जमा राशि के माध्यम से धन एकत्र किया। इन निधियों को, जिन्हें अब अपराध की आय माना जाता है, फिर अचल संपत्ति हासिल करने के लिए उपयोग किया गया। ये संपत्तियां आरोपियों, उनके परिवार के सदस्यों या उनकी ओर से काम करने वाले एजेंटों के नाम पर पाई गईं। फिलहाल आगे की जांच चल रही है।
डबल मनी ट्रैप
ईडी ने 25 संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया
घोटाले में 2.98 करोड़ रुपये शामिल
आरोपी ने दोगुना रिटर्न देने का वादा किया, पोस्ट-डेटेड चेक दिए
निवेशकों के पैसे से संपत्ति खरीदी, जांच जारी