
भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी इस स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 से राज्य की डायल-100 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा का नाम बदलकर मध्य प्रदेश में डायल-112 कर दिया जाएगा। यह कदम राज्य को राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) के साथ जोड़ता है, जो एक अखिल भारतीय पहल है, जो नागरिकों के लिए ‘112’ को एकल आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर के रूप में नामित करती है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मध्य प्रदेश फरवरी 2019 में ईआरएसएस लागू करने वाले पहले 16 राज्यों में से एक था। डायल-112 सेवा भारत सरकार की एक पहल का हिस्सा है, जिसे निर्भया योजना के तहत वित्त पोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को बढ़ाना है।
डायल-112 के आगामी बदलाव से मध्य प्रदेश में सेवा संचालकों में भी बदलाव देखने को मिलेगा। पहले BVG द्वारा प्रबंधित आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा अब GVK द्वारा संचालित की जाएगी, जो पहले राज्य में एम्बुलेंस सेवाओं का प्रबंधन करती थी।
अनुबंध की शर्तों के तहत जीवीके पांच वर्षों तक डायल 112 का संचालन संभालेगा और राज्य भर में लगभग 1200 नए वाहनों को प्रथम प्रतिक्रिया वाहन (एफआरवी) के रूप में तैनात किया जाएगा। जीपीएस और रेडियो (वायरलेस) उपकरणों के अलावा ये वाहन शिकायतकर्ताओं के स्थान का पता लगाने और डायल 112 टीम को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचाने के लिए उन्नत नेविगेशन सिस्टम से लैस होंगे।
55% कॉल करने वाले महिलाएं थीं: एडीजी शमी
एडीजी संचार संजीव शमी ने कहा कि डायल-100 पर कॉल करने वालों में लगभग 55% महिलाएंथीं। अधिकारी ने बताया कि ज़्यादातर शिकायतें घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित थीं। उन्होंने कहा कि डायल-100 प्रतिक्रिया दल महिलाओं के घर-घर पहुंचे और समय पर मदद प्रदान की। पिछले वर्ष इस सेवा ने 15,000 सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाने में मदद की।