
भोपाल। राजधानी भोपाल न केवल जंगलों से घिरा है, बल्कि शहरी बाघों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। एक मोटे अनुमान के अनुसार, लगभग 25 बाघ अक्सर रातापानी के जंगल में आते-जाते रहते हैं, भोपाल के बाहरी इलाकों से गुजरते हुए जंगल में वापस चले जाते हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह आवाजाही परिवर्तनशील और मौसमी है, लेकिन वर्तमान में पांच बाघों के शहर के पास जंगल के किनारों पर सक्रिय रूप से विचरण करने की सूचना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ते शहरी-वन्यजीव संपर्क पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है ताकि संघर्ष को रोका जा सके और मानव सुरक्षा तथा वन्यजीव संरक्षण दोनों सुनिश्चित किए जा सकें।
भोपाल में विशेष कार्यक्रम; मुख्यमंत्री वन्यजीव प्रदर्शनियों का करेंगे अवलोकन
मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वन्यजीव स्थानांतरण, बचाव और डॉग स्क्वायड वाहनों का उद्घाटन करेंगे।
मुख्यमंत्री वन्यजीव संरक्षण गतिविधियों पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन करेंगे। वह वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली वन सुरक्षा समितियों, पर्यावरण-विकास समितियों, ग्राम वन समितियों और वन कर्मियों को भी पुरस्कृत करेंगे।
गौरतलब है कि देश में सबसे ज़्यादा बाघ मध्य प्रदेश में हैं। सभी नौ अभयारण्यों और वन्यजीव अभ्यारण्यों में से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या सबसे ज़्यादा है और यह राज्य का सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व है।