
तेल अवीव। इजरायल ने सोमवार को ईरान में कम से कम छह सैन्य हवाई अड्डों पर हवाई हमले किए। इजरायली सेना के अनुसार, ये छह हवाई अड्डे पश्चिमी, पूर्वी और मध्य ईरान में स्थित हैं। यह घटनाक्रम अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी के एक दिन बाद हुआ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!येरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हवाई हमलों से ईरान की वायु सेना की क्षमताओं को नुकसान पहुंचा, क्योंकि रनवे, बंकर और कई लड़ाकू विमान नष्ट हो गए। इजरायली हवाई हमलों में क्षतिग्रस्त हुए लड़ाकू विमानों में F-14, F-5 और AH-1 शामिल हैं।
इसके अलावा इजरायली वायु सेना (IAF) के 20 लड़ाकू विमानों ने भी केरमानशाह, हमीदान और तेहरान में स्थित स्थलों पर हमला किया। इजरायली विमानों ने ईरान के मिसाइल भंडारण और प्रक्षेपण बुनियादी ढांचे, रडार, हवाई खुफिया जानकारी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उपग्रह प्रणालियों और तेहरान के पास सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लांचर को निशाना बनाया।
आईडीएफ ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “ये हमले ईरानी शासन की सैन्य क्षमताओं को कम करने और इजरायली नागरिकों की रक्षा के लिए हवाई श्रेष्ठता हासिल करने के हमारे चल रहे प्रयास का हिस्सा हैं।” इस बीच इजरायल की सेना ने भी पुष्टि की है कि सोमवार को एक ऑपरेशन के दौरान उसके एक ड्रोन को मार गिराया गया था।
इससे पहले रविवार को अमेरिका ने तीन ईरानी परमाणु स्थलों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला किया। उल्लेखनीय रूप से यह पहली बार था जब अमेरिका ने 1979 की ईरानी क्रांति के बाद से ईरान के अंदर सुविधाओं पर हमला किया।
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि बी-2 बमवर्षकों ने हमले किए। फोर्डो में छह बंकर-बस्टिंग बम दागे, जबकि अन्य दो स्थलों को निशाना बनाने के लिए 30 टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। ये सुविधाएँ ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम के लिए केंद्रीय हैं।
13 जून को इजरायल ने ईरान के खिलाफ ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ शुरू किया, जिसमें उसके परमाणु और सैन्य स्थलों को निशाना बनाया गया। जवाबी कार्रवाई में, इरसन ने भी इजरायल के प्रमुख शहरों को निशाना बनाते हुए मिसाइलों की बौछार की। रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल के हमलों में ईरान में 800 से अधिक लोग मारे गए।