
भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने राज्य के स्कूलों में पेयजल सुविधा के बारे में सदन को गलत जानकारी दी। विधायक सुजीत मेर सिंह द्वारा पूछे गए एक लिखित प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने कहा कि सभी स्कूलों में पेयजल उपलब्ध है। इसके विपरीत, भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 5,761 स्कूलों में पेयजल उपलब्ध नहीं है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!शिक्षा मंत्रालय की एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (UDISE) की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 92,439 सरकारी स्कूल हैं, लेकिन 86,678 स्कूलों में पेयजल की सुविधा मात्र काम चलाऊ है।
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (ASER) के अनुसार, राज्य के 29.3% स्कूलों में पेयजल उपलब्ध नहीं है। 2024 की ASER रिपोर्ट के अनुसार, 18% स्कूलों में पेयजल उपलब्ध नहीं है।
इसी तरह 11.3% स्कूलों में पानी तो है, लेकिन पीने योग्य पानी नहीं है। सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है और यह कई बार सामने आ चुका है।
जब मंत्री से सदन को स्कूलों में शौचालयों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। राज्य के 30% स्कूल ऐसे हैं जहाँ शौचालय नहीं हैं, या अगर हैं भी, तो वे इस्तेमाल के लायक नहीं हैं।
एक जवाब में, मंत्री ने स्वीकार किया कि सभी स्कूलों में चारदीवारी और गेट नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार छात्रों के बीच वितरित किए जा रहे मध्याह्न भोजन पर नज़र रख रही है। लेकिन स्कूलों से प्राप्त मध्याह्न भोजन संबंधी रिपोर्टों ने एक गंभीर तस्वीर पेश की।