
भोपाल। सिख धर्म और विशेष रूप से दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह पर आधारित एक अत्याधुनिक संग्रहालय अगले साल मार्च तक बुरहानपुर में बनकर तैयार हो जाएगा। गुरु गोविंद सिंह देव जी स्मारक संग्रहालय का निर्माण कार्य 2018 में गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुरू हुआ था, जो 2016 में मनाई गई थी। यह संग्रहालय बुरहानपुर में स्थापित करने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि गुरु गोविंद सिंह छह महीने तक वहां रहे थे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह संग्रहालय मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन एवं विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) द्वारा पुरातत्व, संग्रहालय एवं अभिलेखागार निदेशालय के लिए पाँच एकड़ भूमि पर 36 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
इस संग्रहालय में 215 सीटों वाला एक सभागार, व्याख्या केंद्र, पाँच दीर्घाएँ, स्मारिका दुकान और भित्ति चित्र होंगे। संग्रहालय की इमारत सिख धर्म के केंद्रीय सिद्धांत “एक ओंकार” के आकार में है, जो ईश्वर की एकता का प्रतीक है।
संग्रहालय की पहली गैलरी में एक घुमावदार एलईडी स्क्रीन, “एक ओंकार” का होलोग्राफिक प्रक्षेपण होगा और आगंतुकों को विषयगत चित्रों और एक डिजिटल रोटोस्कोप के माध्यम से सिख धर्म से परिचित कराया जाएगा, जो धर्म के विकास की समयरेखा को दर्शाता है।
दूसरी गैलरी में सिख योद्धाओं के पुतले, एक गुरुद्वारे का प्रक्षेपण और सिख गुरुओं के 10 स्तंभ होंगे। तीसरी गैलरी गुरु गोबिंद सिंह के जीवन को समर्पित होगी, जबकि चौथी गैलरी में बुरहानपुर के व्यंजनों और महत्वपूर्ण स्थानों तथा शहर के साथ गुरु गोबिंद सिंह के संबंधों को दर्शाया जाएगा।
पांचवीं गैलरी “बाज” और “ज़फ़रनामा” पर केंद्रित होगी और इसमें गुरु के उद्धरणों के अलावा एक फीडबैक डिजिटल डिस्प्ले भी शामिल होगा। पुरातत्व निदेशालय की संयुक्त निदेशक मनीषा शर्मा ने बताया कि परियोजना का लगभग आधा काम पूरा हो चुका है।