
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए इसे एक परिवर्तनकारी अवधि बताया, जिसे “स्वर्ण अक्षरों” में लिखा जाएगा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 के बाद विकास की राजनीति के एक नए युग की शुरुआत करके देश की राजनीतिक संस्कृति को बदल दिया है, जबकि पिछली कांग्रेस सरकार ‘भ्रष्टाचार, घोटाले और तुष्टिकरण’ की राजनीति से चिह्नित थी।
सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी सरकार के तरीके पर प्रकाश डालते हुए नड्डा ने कहा, “जब उरी हमला हुआ था, तो प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा- और उसके तुरंत बाद, आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की गई”, उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाया गया था। उन्होंने कहा कि मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और घोषणा की है कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
केंद्र ने कभी भी गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव नहीं किया
फंड जारी करने और अन्य मुद्दों पर केंद्र के खिलाफ गैर भाजपा शासित राज्यों के आरोपों का खंडन करते हुए नड्डा ने कहा कि केंद्र ने कभी भी राजनीतिक मतभेदों के आधार पर फंड नहीं रोका है। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना से काम किया है।”
विमुद्रीकरण को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा, “जबकि कुछ दलों ने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को भड़काने की कोशिश की, आम आदमी घंटों कतारों में खड़ा रहा और इस कदम का समर्थन किया।”
विमुद्रीकरण का विरोध करने वाले दलों पर कटाक्ष करते हुए नड्डा ने कहा कि जब सरकार ने विमुद्रीकरण की घोषणा की तो कुछ दलों ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए जनता को भड़काया। लेकिन भारत का आम आदमी घंटों कतारों में खड़ा रहा और इस कदम का समर्थन किया।
जेपी नड्डा ने यह भी दावा किया कि पिछले 11 वर्षों में भारत में अत्यधिक गरीबी 80% कम हुई है और सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी सहित समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है।
नड्डा ने भाजपा सरकार के साहसिक निर्णयों में अनुच्छेद 370 को हटाना, तीन तलाक को खत्म करना, वक्फ संशोधन, नोटबंदी, महिला कोटा विधेयक का हवाला दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, लोकसभा सांसद अनिल बलूनी, अरुण सिंह और अन्य भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।