
भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल स्थित अपने आवास पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और उसके मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया। उन्होंने पंचांग – एक हिंदू कैलेंडर और पंचांग की सराहना करते हुए कहा कि यह भूत, वर्तमान और भविष्य की घटनाओं का अंतिम मार्गदर्शक है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आपका कंप्यूटर खराब हो सकता है, लेकिन पंचांग खराब नहीं होगा। हमारे ज्योतिषी पंचांग का उपयोग करके ग्रहों की स्थिति और अंशों की गणना करके आपको 10,000 साल पहले हुए सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की सही तारीख बता सकते हैं।” इस पहल का उद्देश्य भारत की प्राचीन समय-निर्धारण परंपराओं को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर उन्हें बढ़ावा देना है।
वैदिक घड़ी के बारे में
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, भारतीय समय गणना प्रणाली, जिसे ‘काल गणना’ कहा जाता है, पर आधारित दुनिया की पहली घड़ी है। मानक 24-घंटे के प्रारूप के विपरीत यह दिन को 30 बराबर भागों में विभाजित करती है, जिनमें से प्रत्येक 48 मिनट का होता है, जिसकी गणना सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक की जाती है। यह घड़ी भारतीय कैलेंडर की जानकारी प्रदान करती थी, जिसमें नक्षत्र, तिथि, योग, करण और त्योहार शामिल थे।
इसके साथ आने वाले मोबाइल ऐप ने उपयोगकर्ताओं को महाभारत काल से शुरू होकर 7,000 से अधिक वर्षों के ऐतिहासिक और धार्मिक डेटा तक पहुँचने की अनुमति दी। 189 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध, यह ऐप ग्रहों की स्थिति, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, दैनिक मुहूर्त गणना और महत्वपूर्ण त्योहारों की तिथियों सहित विस्तृत पंचांग जानकारी प्रदान करता था।
उपयोगकर्ता तापमान, हवा की गति, आर्द्रता और वैदिक समय जैसे मौसम संबंधी डेटा भी प्राप्त कर सकते थे, साथ ही धार्मिक अनुष्ठानों और ध्यान के लिए रिमाइंडर भी सेट कर सकते थे। इस ऐप ने लोगों के लिए दुर्लभ धार्मिक और सांस्कृतिक जानकारी को सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीके से प्राप्त करना आसान बना दिया।
इस परियोजना को आधुनिक तकनीक का उपयोग करके व्यापक दर्शकों तक पहुंचते हुए भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया।