
नई दिल्ली। एलन मस्क की अगुआई वाली स्टारलिंक को भारत में ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस मिला है, जिससे कंपनी को देश में ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने की अनुमति मिल गई है। यूटेलसैट के वनवेब और रिलायंस जियो को दी गई मंजूरी के बाद यह भारत के दूरसंचार विभाग से ऐसा लाइसेंस प्राप्त करने वाली तीसरी कंपनी है।
दरअसल, यह दुनिया के सबसे अमीर एलन मस्क के भारत के संचार सेवा क्षेत्र में औपचारिक प्रवेश का प्रतीक है। स्टारलिंक 2021 से भारतीय उपग्रह संचार बाजार में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन इससे पहले उसे आवश्यक GMPCS लाइसेंस नहीं मिला था। हालांकि, कंपनी ने औपचारिक स्वीकृति प्राप्त करने से पहले ही प्री-ऑर्डर स्वीकार करना शुरू कर दिया, जिससे भारत सरकार को स्टारलिंक को ग्राहकों को धन वापस करने का निर्देश देना पड़ा। स्टारलिंक वर्तमान में 125 से अधिक देशों में काम करता है।
इस बीच जेफ बेजोस के स्वामित्व वाले अमेज़ॅन कुइपर का आवेदन अभी भी लंबित है। रिपोर्ट्स यह भी संकेत देती हैं कि Apple का उपग्रह संचार भागीदार, ग्लोबलस्टार, भारत में उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं की पेशकश करने में रुचि दिखाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में से एक है।
सैटेलाइट संचार (सैटकॉम) डेटा और वॉयस सिग्नल संचारित करने के लिए उपग्रहों पर निर्भर करता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक फाइबर-ऑप्टिक केबल बिछाना अव्यावहारिक है। यह ग्रामीण, पहाड़ी और आपदा-प्रवण क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी है, जहां स्थलीय नेटवर्क या तो लागत-निषेधात्मक हैं या स्थापित करना शारीरिक रूप से अव्यवहारिक है। मार्च 2025 में भारत के शीर्ष दो दूरसंचार प्रदाताओं-भारती एयरटेल और रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स ने उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा की।