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भारत ने अमेरिका के साथ की 80,000 करोड़ की मेगा डील

नई दिल्ली. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को अमेरिका के साथ 80,000 करोड़ रुपये के बड़े सौदे को मंजूरी दे दी, जिसके तहत भारत 31 शिकारी ड्रोन खरीदकर अपने रक्षा बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा और दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पारंपरिक हमलावर पनडुब्बियों (एसएसएन) के साथ अपने नौसैनिक शस्त्रागार को मजबूत करेगा, जिन्हें स्वदेशी रूप से बनाया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना जल्द ही अपनी पनडुब्बियों के बेड़े में दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों को शामिल करेगी।

विशाखापत्तनम में शिप बिल्डिंग सेंटर में दो परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 45,000 करोड़ रुपए के सौदे में लार्सन एंड टूब्रो जैसी निजी क्षेत्र की फर्मों की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि पनडुब्बियां पानी के भीतर की क्षमताओं में अंतर को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण हैं और आगे कहा कि महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल परियोजना के तहत बनने जा रही ये पनडुब्बियां उसी स्थान पर अरिहंत वर्ग के तहत बनाई जा रही पांच परमाणु पनडुब्बियों से अलग हैं।

भारत के पास अपने परमाणु त्रिभुज के हिस्से के रूप में तीन परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (SSBN) हैं, जो भूमि, वायु और समुद्र-आधारित निरोध सुनिश्चित करती हैं। इन पनडुब्बियों में INS अरिहंत, INS अरिघाट और S4 शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण में भारतीय नौसेना के लिए 15 इकाइयाँ और भारतीय सेना और वायु सेना के लिए 8-8 इकाइयाँ शामिल हैं।

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