एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. जीएसटी कलेक्श्न और पंजीयन राजस्व में एमपी ने बड़ी उछाल दर्ज की है। मध्यप्रदेश में पारदर्शी कर प्रशासन, सरकार द्वारा करदाताओं और व्यावसायियों को दी गई सुविधाओं के चलते जीएसटी, आबकारी, पंजीयन और वाणिज्यिक कर राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। मध्यप्रदेश जीएसटी रिटर्न फाईलिंग में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
दरअसल, पिछले साल जुलाई माह तक जीएसटी राजस्व प्राप्ति 8,311 करोड़ रुपए थी जो इस साल 10,945 करोड़ रुपए हो गई है, जो 26 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि लक्ष्य जुलाई तक 10,339 करोड़ रुपए के राजस्व का है। पिछले साल आबकारी राजस्व प्राप्ति जुलाई तक 4,643 करोड़ रुपए थी, जो इस साल बढ़कर 4,655 करोड़ रुपए हो गई है।
पंजीयन राजस्व में पिछले साल के मुकाबले 15.75% की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल यह 2732 करोड़ रुपए था, जो कि इसी अवधि में 3162 करोड़ रुपए हो गया है। लक्ष्य 3085 करोड़ रुपए प्राप्ति का है। वाणिज्यिक कर राजस्व पिछले साल जुलाई तक 21,571 करोड़ रुपए था, जो इस साल 23,789 करोड़ रुपए हो गया है यानी 10.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
वसूली में तेज
वित्तीय वर्ष 2023-24 के जुलाई तक कुल 551 प्रकरणों में प्रवर्तन की कार्रवाई की जाकर 133 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। ऑडिट के लिए आवंटित 863 प्रकरणों की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। अभी तक 10.20 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। इस प्रकार वर्ष 2023-24 में प्रवर्तन की कार्रवाई से 37.20 करोड़ रुपए जमा कराए गए। पिछले साल बकाया राशि 4895.16 करोड़ रुपए थी। इसमें से कुल संस्थापन 1871.46 करोड़ रुपए हुआ। इसी अवधि में 1011.12 करोड़ रुपए की राशि वसूल की गई, जिसमें से नकद वसूली 261.53 करोड़ रुपए हुई।
इसलिए राजस्व बढ़ोतरी
एमपी में पारदर्शी कर प्रशासन के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रवर्तन, ऑडिट, पंजीयन, सत्यापन संबंधी नोटिस जीएसटी पोर्टल से आनलाइन जारी किए जा रहे हैं। करदाताओं की समस्याओं का भी अविलम्ब निराकरण किया जा रहा है। जीएसटी संबंधी विभिन्न प्रावधान विशेषकर नवीन पंजीयन, स्क्रूटनी, ऑडिट, वाहनों की जांच के लिए गुणवत्ता नियंत्रण के उद्देश्य से स्टेण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किए गए हैं। प्रदेश के करदाताओं को जीएसटी संबंधी प्रावधानों की जानकारी एवं समस्या का समाधान व्हाट्सअप आधारित चैट बोट, वेलकम किट एवं हेल्पडेस्क आधारित सुविधा के माध्यम से किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल के निर्णय तथा नवीन अधिसूचनाओं की जानकारी उन्हें दी जाती है। साथ ही समय-समय पर औदयोगिक संगठनों के प्रतिनिधियों, कर सलाहकार संघों एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के साथ चर्चा की जाती है।
ईडब्यूएस के लिए स्टाम्प शुल्क से छूट
भू-संपदा नियामक प्राधिकरण में पंजीकृत परियोजनाओं में निजी विकासकर्ताओं दूवारा ईडब्यूएस के पक्ष में निष्पादित विक्रय पत्रों पर स्टाम्प शुल्क से छूट दी गई है। भू-सम्पदा आधारित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसी तिथि से प्रभावी अन्य अधिसूचना द्वारा कॉलोनी के विकास के एवज में भूखण्ड बंधक रखे जाने पर देय स्टाम्प शुल्क 0.5 प्रतिशत से घटा कर 0.125 प्रतिशत किया गया है।
इन सुधारों से और होगी आसानी
पिछले 15 वर्षों के भौतिक रूप से पंजीबद्ध दस्तावेज़ के डिजिटाइजेशन का काम जारी है। इससे आम-जन को पुराने दस्तावेज की प्रमाणित प्रतियां आसानी से मिल जाएंगी।
विभागीय एप्लीकेशन सम्पदा में दस्तावेज के पंजीकरण को और ज्यादा पारदर्शी बनाया जा रहा है। आम-जन को नई तकनीक के माध्यम से फेसलेस ई-स्टाम्पिंग और ई-रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलेगी।
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