एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
नई दिल्ली. दूरसंचार विभाग (डीओटी) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) दूरसंचार सेवाओं के उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक कदम उठा रहे हैं। उच्च गति डेटा के साथ स्पैम मुक्त गुणवत्ता वाली दूरसंचार सेवा को सक्षम बनाने के लिए इस संबंध में कई उपाय शुरू किए गए हैं।
स्पैम कॉल के खतरे को रोकने के लिए, ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को रोबोकॉल और प्री-रिकॉर्डेड कॉल सहित स्पैम कॉल के लिए बल्क कनेक्शन का उपयोग करने वाली इकाइयों को डिस्कनेक्ट और ब्लैकलिस्ट करने का निर्देश दिया है। पिछले एक पखवाड़े में ऐसे 3 लाख 50 हजार से अधिक नंबरों को डिस्कनेक्ट कर दिया गया है और 50 संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया गया है। इसके अलावा, लगभग 3 लाख 50 हजार अप्रयुक्त/असत्यापित एसएमएस हेडर और 12 लाख सामग्री टेम्पलेट अवरुद्ध किए गए हैं।
डीओटी ने साइबर धोखाधड़ी से लड़ने के लिए नागरिक केंद्रित प्लेटफॉर्म, संचार साथी (https://sancharsathi.gov.in) लॉन्च किया, जो नागरिकों को संदिग्ध कॉल और संदेशों की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। संचार साथी की मदद से अब तक एक करोड़ से अधिक फर्जी मोबाइल कनेक्शन काटे गए। इसके अलावा, साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण 2.27 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक कर दिए गए हैं।
नेटवर्क प्रदर्शन में सुधार के उद्देश्य से, नेटवर्क उपलब्धता, कॉल ड्रॉप दर, पैकेट ड्रॉप दर आदि प्रमुख नेटवर्क मापदंडों के लिए बेंचमार्क को धीरे-धीरे कड़ा किया जाना है। इस संबंध में ट्राई ने संशोधित नियम "एक्सेस सेवा की गुणवत्ता के मानक (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा की गुणवत्ता विनियम, 2024 (2024 का 06)" जारी किए हैं।
ये नियम 01 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगे और तिमाही आधार के बजाय 01 अप्रैल, 2025 से मोबाइल सेवा के क्यूओएस प्रदर्शन की मासिक निगरानी शुरू की जाएगी। नए विनियमन के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण मापदंडों के लिए संशोधित क्यूओएस बेंचमार्क नीचे दिए गए हैं।
ट्राई ने पूर्व-निर्धारित सीमा संख्या से अधिक शिकायतें प्राप्त होने पर अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स की सेवाओं को तत्काल निलंबित करने और संदिग्ध स्पैमर्स की सक्रिय पहचान और उन पर कार्रवाई के कार्यान्वयन के प्रावधानों पर परामर्श पत्र भी जारी किए हैं।
डीओटी और ट्राई नीतियों के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास, सेवा की गुणवत्ता और शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के माध्यम से भारत में दूरसंचार सेवाओं और सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में लगातार लगे हुए हैं।
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