एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध स्कूलों में अब तक छमाही परीक्षाएं ही नहीं हो सकी हैं। यहां के स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं दिसंबर में शुरू होंगी, जबकि सीबीएसई स्कूलों में यह सितंबर में ही हो चुकी हैं। ये परीक्षाएं दिसंबर में होंगी तो प्री-बोर्ड के लिए समय नहीं रहेगा और स्टूडेंट्स की तैयारी ठीक से नहीं हो सकेगी।
दरअसल, सीबीएसई स्कूलों में छमाही परीक्षाएं सितंबर में पूरी हो चुकी हैं और यहां दिसंबर-जनवरी में प्री–बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इनका आधा कोर्स अगस्त में ही पूरा हाे गया था। अप्रैल से सितंबर तक छह महीने का समय होता है। इस तरह से इनकी अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं पूरे छह माह में आयोजित की गई थी।
एमपी बोर्ड की अर्द्धवार्षिक परीक्षा दिसंबर में होगी। ऐसे में छात्रों को अपनी गलती सुधारने और उसे दूर करने का पर्याप्त समय ही नहीं मिलेगा। इसकी वजह है कि इनका रिजल्ट ही दिसंबर अंत तक आएगा और फरवरी के अंतिम सप्ताह से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ऐसे में बचा हुआ कोर्स ही पूरा हो पाएगा।
गौरतलब है कि पिछले सत्र में भी दिसंबर में ही छमाही परीक्षा हुई थी। इस कारण प्री बोर्ड एक्जाम भी नहीं हो पाई थी। इसी के चलते 10वीं का परीक्षा परिणाम 58.10 प्रतिशत था, जबकि सीबीएसई का 10वीं का रिजल्ट 93.60 प्रतिशत था। इसी तरह 12वीं का रिजल्ट भी सीबीएसई का करीब 30 प्रतिशत अधिक था। फरवरी से 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। अब तक प्री-बोर्ड के लिए विभाग ने कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं, क्योंकि इसके लिए समय ही नहीं बचेगा।
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