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नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन शुरू 

भोपाल. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए 15 जनवरी तक की डेडलाइन तय की है। उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर समय सीमा में प्रवेश सुनिश्चित कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

प्रदेश में इस अवधि तक 190 कॉलेजों में नर्सिंग में एडमिशन कराने की तैयारी है। शुरुआती जांच में 169 कॉलेजों को प्रवेश के लिए फिट बताया गया था। 15 जनवरी को कोर्ट में रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद कोर्ट के आदेश के आधार पर नए कॉलेजों में भी प्रवेश शुरू कराए जा सकते हैं।

गुरुवार को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसे लेकर बैठक की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सभी पात्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया को 15 जनवरी तक पूर्ण किया जाए। उन्होंने जीएनएम, बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "विद्यार्थियों का भविष्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

उप मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और कार्यों को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से संबंधित फर्जीवाड़े में सीबीआई के एक इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया जा चुका है।

31 दिसंबर से शुरू हुई काउंसलिंग प्रक्रिया

31 दिसंबर 2024 से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 14 जनवरी 2025 को पूरी होगी। सभी सरकारी और गैर सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था लागू की गई है।आज हुई बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा (नर्सिंग एवं पैरामेडिकल) के संचालक मनोज सरियाम, रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के के. रावत और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

नर्सिंग कालेजों की अब तक की स्थिति

  • प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की शुरूआती संख्या: 700 से अधिक
  • शिकायत के बाद सीबीआई को सौंपी गई जांच: 364 कॉलेज
  • सीबीआई जांच के विरोध में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला: 56 कॉलेज
  • सीबीआई ने जांच की: 308 कॉलेज
  • जांच में फिट पाए गए: 169 कॉलेज
  • डेफिसिएंट पाए गए: 76 कॉलेज
  • अपात्र घोषित: 63 कॉलेज
  • 169 काॅलेज की फिर शिकायत पर हुई जांच में फिट मिले: 87 कॉलेज

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