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खुशखबरी! फिर चलेगी जनता एक्सप्रेस, आमजन के बजट में होगा किराया 

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ट्रेन यात्रियों के लिए बड़ी सौगात लेकर आ रही है। इससे ट्रेन में महंगा सफर से न सिर्फ निजात मिलेगी, बल्कि गरीब मुसाफिरों के लिए सुगम एवं उनके बजट में किराया होगा। 
रेलवे वर्ष 1977 में चलाई गई जनता एक्सप्रेस की तरह प्रवासी मजदूरों के लिए नॉन-एसी ट्रेनें चलाने जा रहा है। ये ट्रेनें खाकसर कम आय यानी गरीबों के लिए चलाई जाएंगी। रेलवे प्रवासी श्रमिकों की मांग को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाने जा रहा है। सूत्रों की मानें तो 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए नॉन-एसी ट्रेन चलाने जा रहा है। ये ट्रेनें यूपी, बिहार, उड़ीसा, बंगाल और झारखंड से दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलूरु, मुंबई, सूरत, चेन्नई और पंजाब जैसे शहरों के लिए चलाया जाएगा। रेलवे इन शहरों में प्रवासी श्रमिकों के लिए नियमित रूप से लंबी दूरी ट्रेनें चलाएगा। केंद्र सरकार चाहती है कि किसी भी हालत में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इन ट्रेनें पटरी पर उतर जाएं। योनाज के मुताबिक, इन ट्रेनों का किराया भी कम रखने पर विचार चल रहा है। 

ये नॉन-एसी ट्रेनें प्रवासी श्रमिकों के लिए किन शहरों के मध्य चलाना है, इसकी पूरी तैयारी की गई है। सूत्रों के मुताबिक, वेटिंग लिस्ट वाले टिकट पैटर्न के आधार पर ज्यादा संख्या वाले रूट की पहचान की गई है। हालांकि, पिछले 9 सालों में इंडियन रेलवे ने 20 हजार किलोमीटर से अधिक के रूट पर नई पटरियां बिछाईं हैं, जिससे रेलवे को ज्यादा ट्रेनें चलाने की जरूरत महसूस हो रही है। गौरतलब है कि कोविड के दौरान बड़े शहरों और राज्यों से प्रवासी श्रमिक बड़ी तादाद में घरों को लौट रहे थे। इस दौरान प्रवासी श्रमिकों को वापसी में इन रास्तों पर सैकड़ों विशेष श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें रेलवे ने चलाई थीं। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, आने वाले तीन वर्षों में रेलवे 20 हजार पुराने कोचों को एलएचबी कोचों से बदलेगा। इससे यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित सफर की सुविधा मिल सकेगी। आगामी सालों में ट्रेन के कोच से यात्रियों के गिरने जैसे हादसों को रोकने प्लग दरवाजे जैसी नई सुविधाएं दी जाएंगी। इसके तहत दरवाजा खुले रहने पर ट्रेन नहीं चलेगी। इसमें सिस्टम फेल सेफ जैसे फीचर भी होंगे। इसमें दुर्घटना या आपात के दौरान गेट स्वत: खुल जाएंगे।  

आसान सफर के साथ मुफीद भोजन
रेलवे जनरल कोचों में यात्रियों को सस्ती दर पर स्वस्थ और स्वच्छ भोजन परोसने की तैयारी में है। देश में रोजाना करीब 11,000 ट्रेनें चलती हैं। इनमें करोड़ों लोग सफर करते हैं। एसी क्लास में तो यात्रियों के लिए पैंट्रीकार सुविधा रहती है, लेकिन जनरल में मुसाफिरों को खाने को लेकर परेशान होना पड़ता है। इसीलिए रेलवे ने जनरल क्लास में मुसाफिरों के लिए ये सुविधा शुरू की है। इन्हें प्लेटफार्मों पर इन कोच के पास स्थित एक्सटेंडेड सर्विस काउंटर्स के जरिए उपलब्ध होगी। इस इकोनॉमी भोजन की कीमत 20 रुपए और स्नैक्स मील की कीमत 50 रुपए होगी। पैकेज्ड पानी भी बेचा जाएगा। इकोनॉमी मील में 20 रुपए की कीमत पर सूखे आलू और अचार के साथ सात पूरियां मिलेंगी। स्नैक मील में चावल, राजमा, छोले, खिचड़ी कुल्चे, भटूरे, पाओ-भाजी और मसाना डोसा आदि शामिल होंगे। रेलवे ने 51 स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू कर दी है। बाकी पर जल्दी शुरू करने की तैयारी है। 

1977 में हुई थी जनता एक्सप्रेस की शुरुआत
मालूम हो कि केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए जो नॉन-एसी ट्रेनें चलाने की तैयारी में है। ऐसी ट्रेन 1977 में चलाई गई थी। इसका नाम जनता एक्सप्रेस था। इसे जॉर्ज फर्नांडीज ने चलाया था। इस ट्रेन में कोई एसी कोच नहीं था। इसे गरीब वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर चलाया गया था।  

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