एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में अतिथि शिक्षकों को अब 50% आरक्षण का लाभ मिलेगा। हालांकि, इसके लिए वहीं अतिथि शिक्षक पात्र होंगे, जिन्होंने 3 शैक्षणिक सत्रों में कम से कम 200 दिन सरकारी स्कूलों में पढ़ाया हो। इसका लाभ अतिथि शिक्षकों को हाल ही में होने वाली शिक्षकों की भर्ती में मिलेगा।
दरअसल, राज्य कर्मचारी चयन मंडल ने 10 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए कार्यक्रम घोषित कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) 2018 में संशोधन कर दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
मप्र में करीब 72 हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, जिन्हें अब तक शिक्षकों की भर्ती में स्कोर कार्ड के हिसाब से 5 से 20 अंक का लाभ दिया जाता था। अब सरकार ने पहली बार अतिथि शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण का लाभ दिया है, लेकिन आरक्षित पदों की पूर्ति अतिथि शिक्षकों से न होने की स्थिति में रिक्त पदों को अन्य पात्र अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।
महिलाओं के लिए भी हर श्रेणी में 50% आरक्षण
मप्र में महिला अभ्यर्थियों के लिए रिक्त पदों के प्रत्येक प्रवर्ग के लिए 50% पद आरक्षित होंगे, जबकि 6 % पद दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित किए गए हैं। प्रदेश में शिक्षकों के अभी 80 हजार पद खाली हैं। ये सेवा शर्तें आरक्षित वर्ग (अनुसूचितजाति, जनजाति, ओबीसी के लिए आरक्षित) पदों पर भी लागू होंगी। बशर्तें अभ्यर्थी उसी वर्ग का होना चाहिए।
इस अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए चयन परीक्षा का प्रावधान जोड़ा है। अभी तक पात्रता परीक्षा कराई जाती थी, उसे ही चयन परीक्षा के रूप में मान्यता दी गई थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्कूल शिक्षा विभाग पात्रता परीक्षा कभी भी करा सकेगा, उसके लिए पद खाली होने की जरूरत भी नहीं है। यह परीक्षा हमेशा के लिए मान्य होगी। हालांकि, चयन के लिए चयन परीक्षा अलग से कराई जाएगी। ऐसे में प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के रूप में भर्ती होने का अवसर मिल सकेगा।
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