एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
श्रीहरिकोटा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर की 7 सैटेलाइट को रविवार की सुबह 6.30 बजे लॉन्च किया गया। इसरो ने यह लॉन्चिंग 44.4 मीटर लंबे PSLV-C56 रॉकेट से की है। ISRO के मुताबिक लिफ्ट ऑफ के 23 मिनट बाद प्राइमरी सैटेलाइट अलग हो गया। इसके बाद बाकी 6 सैटेलाइट भी अलग हो गए और सभी अपनी ऑर्बिट में पहुंच गए।
दरअसल, DS-SAR सैटेलाइट को सिंगापुर की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) और सिंगापुर के ही ST इंजीनियरिंग के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है। सिंगापुर की एजेंसियों की उपग्रह से प्राप्त होने वाली तस्वीरों संबंधी आवश्यकताओं के मदृदेनजर इस उपग्रह के उपयोग से काफी मदद मिलेगी।
चंद्रयान-3 ने 5वीं बार बदली ऑर्बिट
इसरो के वैज्ञानिकों ने मंगलवार को चंद्रयान-3 की पांचवीं और आखिरी अर्थ बाउंड ऑर्बिट रेजिंग प्रोसेस सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। चंद्रयान अब 127609 km x 236 km की ऑर्बिट रेंज में है। यानी चंद्रयान ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 236 km और सबसे ज्यादा दूरी 127609 km है।
अब स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि स्लिंग शॉट के जरिए पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। यही नहीं आगामी 5 अगस्त को चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचेगा और 23 अगस्त को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा। इसके लैंड करते ही भारत अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रचते हुए उन तीसरे देश में शामिल हो जाएगा, जो चंद्रयान पर कदम रख चुके हैं।
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