एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
मास्को. 47 सालों बाद मिशन मून पर जुटे रूस को तगड़ा झटका लगा है। चांद पर भेजा गया रूस का लूना—25 चांद की सतह उतरने से पहले क्रैश हो गया। इसे 21 अगस्त को चांद की सतह पर उतरना था, लेकिन यह लैंडिंग के पहले चंद्रमा से टकरा गया, जिससे यह फेल हो गया। रूस ने मून मिशन के तहत गत 11 अगस्त को लूना—25 को लान्च किया था।
जर्मनी के डीडब्ल्यू न्यूज ने रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के हवाले से बताया कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। लूना-25 के लैंडर पर लगे कैमरे पहले ही स्पेस से धरती से चांद की दूर की तस्वीरें ले चुके थे। रोस्कोस्मोस के हेड यूरी बोरिसोव ने जून के महीने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि चांद वाले मिशन जोखिमों से भरे होते हैं, इनकी सफलता की संभावना लगभग 70 फीसदी ही होती है।
लूना-25 में आ गई थी तकनीकी खामी
इंडिया के मून मिशन चंद्रयान-3 के साथ रूस का लूना-25 भी चांद की सतह पर उतरने के लिए आगे बढ़ रहा था। इसी दौरान 19 अगस्त को लूना-25 में तकनीकी खामी आ गई, जिससे मुश्किलें खड़ी हो गई थीं। रूसी स्पेस एजेंसी को शनिवार को ही लूना-25 की जांच करते हुए इमरजेंसी का पता चला था। वहीं, भारत का भी चंद्रयान-3 चांद के काफी करीब पहुंच चुका है, इस दौरान लैंडर मॉड्यूल (LM) को चांद के नजदिक ले वाली एक डिबूस्टिंग प्रॉसेस सही सलामत पूरी कर ली गई है।
1976 के बाद 25वीं बार मून मिशन किया लॉन्च
रूस ने लूना-25 मून मिशन से पहले वर्ष 1976 में लूना-24 लॉन्च किया था, इसके फेल होने के बाद रूस की प्रतिष्ठा को धक्का लगा है। रूस ने अपना पहला सैटेलाइट 1957 में स्पुतनिक-1 लॉन्च किया था और सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन 1961 में पहली बार स्पेस की यात्रा करने वाले अंतरिक्ष यात्री बने थे। इसके बाद 2023 में रूस को बड़ी उम्मीद थी कि वह चांद पर लैंडिंग कर फतह हासिल कर सकेगा।
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