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हेल्थ डेस्क. फिलहाल सर्दी का मौसम चरम पर है। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। खासकर सर्दियों में हाथ-पैर का ठंडा पड़ना आम बात है। इससे बचने के लिए लोग हाथों में दस्ताने और पैरों में मोजे पहनते हैं। हालांकि, इसके बाद भी कई बार हाथ-पैर बर्फ जैसे ठंडे ही बने रहते हैं। आमतौर पर लोगों को लगता है कि इसका कारण ठंडा वातावरण है, जबकि ऐसा नहीं है। हाथ-पैरों का अधिक ठंडा पड़ना कई गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। तो चलिए आज बात करते हैं सर्दियों में हाथ-पैर ज्यादा ठंडे होने का कारण क्या है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर सर्दियों में किसी व्यक्ति के हाथ-पैर अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा ठंडे रहते हैं तो यह सामान्य स्थिति नहीं है। इसके कई कारण हो सकते हैं। हाथ-पैर अधिक ठंडे होने का बड़ा कारण पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (PVD) हैं। इसमें हाथ-पैरों और पेट तक ब्लड ले जाने वाली धमनियां (Arteries) सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। यह तब होता है, जब कोई प्लाक या फैटी सब्सटेंस इन आर्टरीज के अंदर जमा हो जाता है। इसके अलावा विटामिन B12, B2, विटामिन D और मैग्नीशियम की कमी की वजह से भी हाथ-पैर अधिक ठंडे हो सकते हैं।
- खून की कमी: सर्दियों में बर्फ जैसे हाथ-पैर होने की एक वजह एनीमिया है। एनीमिया ब्लड से संबंधित बीमारी है। इसमें शरीर में आयरन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम बनता है। इसकी वजह से हाथ-पैरों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, जिससे वे ठंडे हो जाते हैं।
- शुगर: डायबिटीज के मरीजों की ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं। इससे उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है। इससे भी हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगते हैं।
- हाइपोथायरॉइडिज्म: इसमें शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इससे शरीर के टेम्परेचर को कंट्रोल करने के लिए कम एनर्जी मिलती है। इससे भी हाथ-पैर अधिक ठंडे हो सकते हैं।
- रेनॉड सिंड्रोम: रेनॉड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हाथ या पैर की उंगलियां ठंडी, सुन्न पड़ जाती हैं। ये अक्सर ठंड या अधिक तनाव के कारण होता है।
एक्सपर्ट की मानें तो अगर किसी व्यक्ति के सर्दियों में हाथ-पैर ज्यादा ठंडे हो रहे हैं तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर इसके लिए कुछ जांच करेंगे, जिसमें यह पता चलेगा कि यह किसी डिजीज की वजह से है या शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी हो रही है। उसी के अनुसार लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ बदलाव किए जाएंगे।
हाथ-पैरों को ठंड से बचाएं
सर्दियों में हाथ-पैरों को गर्म रखना जरूरी है। इसके लिए दस्ताने और मोजे पहनें। अगर धूप निकलती है तो कुछ देर धूप में जरूर बैठें। अगर दस्ताने या मोजे पहनने के बाद भी आपके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं तो उनकी मालिश करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके लिए नारियल या सरसों के तेल की मसाज कर सकते हैं। इसके अलावा दिन में 2-4 बार दोनों हाथों को आपस में भी रगड़ें।
तनाव से दूर रहें
- कम तनाव लेने से हाथ-पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसलिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करें। इससे ब्लड वेसल्स सिकुड़ने का खतरा कम होता है।
स्मोकिंग छोड़े
- स्मोकिंग से हमारे ब्लड फ्लो पर असर पड़ता है। इसलिए ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रखने के लिए स्मोकिंग न करें।
डाइट में भी करें बदलाव
- एक्सपर्ट के मुताबिक, हाथ-पैरों को ठंडे होने से बचाने में हमारी डाइट की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए हमेशा हेल्दी चीजें ही खाएं। आयरन हीमोग्लोबिन के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है। शरीर में आयरन की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है। इसलिए अपनी डाइट में आयरन रिच फूड्स जैसे बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है, जिससे हाथ-पैर ठंडे हो सकते हैं। इसलिए अपनी डाइट में ओमेगा-3 रिच फूड्स जैसे अलसी बीज, चिया बीज और अखरोट जैसी चीजों को शामिल करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होगा।
- इस विटामिन की कमी पेरीफेरल न्यूरोपैथी की कंडीशन का कारण बन सकती है। इसमें हाथ-पैर सुन्न व ठंडे हो सकते हैं। विटामिन B12 के लिए अपनी डाइट में अंडे, डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही और पनीर को शामिल करें।
- विटामिन D हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है। साथ ही ये शरीर में कैल्शियम के लेवल को कंट्रोल रखने में अहम भूमिका निभाता है। इसके लिए विटामिन D रिच फूड्स का सेवन करें। साथ ही कुछ देर धूप में जरूर बैठें।
- मैग्नीशियम एक ऐसा पोषक तत्व है, जो ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। मैग्नीशियम की कमी से मसल्स में ऐंठन और ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है। इसलिए सर्दियों में अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स और नट्स को शामिल करें।
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