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तंबाकू नशा-मुक्ति के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं: एमडी

भोपाल. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने कहा कि युवाओं में तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति एक गंभीर समस्या है। बच्चों को बचपन में जो संस्कार मिलते हैं, वे जीवनभर उनके साथ रहते हैं। शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाना तंबाकू नियंत्रण के लिए अत्यंत आवश्यक है। 

डॉ. सिडाना ने कहा कि एनएचएम, उमंग कार्यक्रम में स्कूलों में तंबाकू नियंत्रण के लिए शिक्षा विभाग के साथ मिलकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाएगा। एनएचएम कार्यालय भोपाल में गुरूवार को राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय स्मॉल वर्किंग ग्रुप की बैठक में संचालित गतिविधियों, वर्तमान स्थिति और भविष्य की कार्य योजना पर मंथन किया गया।

एमडी डॉ. सिडाना ने निर्देश दिए कि COTPA (सिगरेट्स एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) और ToFEI (टोबैको-फ़्री एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस) गाइडलाइन्स का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिये विभागीय समन्वय से प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा कि तंबाकू की लत छुड़ाने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाए और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति के अनुरूप नशा मुक्ति अभियान में तंबाकू सेवन करने वालों को भी सहयोग प्रदान किया जाये। 

आयुष विभाग के वेलनेस कार्यक्रम से भी तंबाकू सेवन करने वालों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाये। वेलनेस गतिविधियाँ योग, ध्यान आदि मानसिक रूप से मजबूत बनाने और तंबाकू सेवन की लत से मुक्ति दिलाने में सहयोगी होंगी।

एमडी एनएचएम ने जिलों में टीबी नियंत्रण सेल को तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रमों से समन्वय करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही नेशनल ओरल हैल्थ प्रोग्राम और राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तंबाकू सेवन करने वालों की प्राथमिकता से स्क्रीनिंग करने को कहा। 

वरिष्ठ संयुक्त संचालक डॉ. प्रज्ञा तिवारी, मध्यप्रदेश वालिंटियरी हेल्थ एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक मुकेश कुमार सिन्हा सहित विभिन्न विभागों के राज्य स्तरीय स्मॉल वर्किंग ग्रुप के अधिकारी उपस्थित थे।

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