एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मुख्य वन जीव अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव वीएन अम्बाड़े ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में हाथियों की असामान्य मृत्यु पर गहन जाँच करने के लिये समिति का गठन किया है।
समिति के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल. कृष्णमूर्ति को अध्यक्ष नामांकित किया गया है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल रितेश सरोठिया (प्रभारी), स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एवं हेल्थ जबलपुर, अधिवक्ता एवं मानसेवी वन्यप्राणी अभिरक्षक कटनी मंजुला श्रीवास्तव और वैज्ञानिक, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर को सदस्य मनोनीत किया गया है।
समिति बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर 2024 को हुई हाथियों के असामान्य मृत्यु के संबंध में गहन जांच एवं स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में अपना जाँच प्रतिवेदन 10 दिवस में प्रस्तुत करेगी।
गौरतलब है कि उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बुधवार सुबह तक तीन और हाथियों ने दम तोड़ दिया। अब तक 7 हाथियों की मौत हो चुकी है। मरने वाले हाथियों में एक नर और 6 मादा हैं। इनमें नर की उम्र चार से पांच साल और मादा की उम्र करीब तीन साल है। दिल्ली से एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए बांधवगढ़ पहुंची है। मंगलवार को जंगल में चार हाथी मृत मिले थे। तीन हाथियों की हालत गंभीर है, उनका इलाज किया जा रहा है। जबकि तीन हाथी जंगल में हैं, दो अफसरों की टीम पैदल ही उनकी निगरानी कर रही है।
डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर जहरखुरानी की आशंका जताई है। आठ डॉक्टरों की टीम हाथियों का पोस्टमॉर्टम कर रही है। दो का पीएम हो चुका है। इसके बाद इन्हें दफनाया जाएगा। इसके लिए 300 बोरी नमक मंगाया गया है। दो जेसीबी की मदद से गड्ढे खुदवाए जा रहे हैं। बांधवगढ़, संजय टाइगर रिजर्व समेत कटनी, उमरिया और स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर के वेटरनरी डॉक्टर हाथियों के इलाज में जुटे हैं। भोपाल से एसटीएफ की टीम भी पहुंची है। पांच किलोमीटर के एरिया में जांच की जा रही है। करीब 100 से ज्यादा वन विभाग और टाइगर रिजर्व का स्टाफ मौजूद है। इसके अलावा, राजस्व विभाग के अधिकारी भी हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया, मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे सूचना मिली कि जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा है। खितौली और पतौर परिक्षेत्र के सलखनियां में आठ हाथियों की तबीयत बिगड़ गई। सभी 100 से 200 मीटर के एरिया में बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जबलपुर, उमरिया और कटनी से आठ से ज्यादा वेटरनरी डॉक्टरों को बुलाया गया।
रिजर्व में 60 से ज्यादा जंगली हाथी हैं, जो अलग-अलग झुंड बनाकर घूमते हैं। इनकी देखरेख के लिए रोजाना जंगल में गश्त की जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि हाथियों ने किसी जहरीले या नशीले पदार्थ का सेवन किया है। इस एरिया में कोदो-कुटकी भी होती है। आशंका है कि हाथियों ने ज्यादा मात्रा या अधपका कोदो-कुटकी खाया होगा, इससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।
बुधवार सुबह भोपाल से वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम भी बांधवगढ़ पहुंची। टीम वन विभाग के स्टाफ के साथ एरिया की जांच कर रही है। इसके लिए पांच टीमें बनाई गई हैं। डॉग स्क्वॉड और प्रबंधन के अधिकारियों के साथ सर्चिंग में जुटी है। मौके पर डॉग स्क्वॉड को बुलाकर सर्चिंग करवाई जा रही है। जांच के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं।
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