एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था। इसके लिए बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राजधानी के जवाहर चौक पर जुटे। कांग्रेस नेताओं ने यहां सभा की। हालांकि यहां से विधानसभा घेराव के लिए नहीं जा सके।
दरअसल, सभा के बाद कांग्रेस नेताओं ने मंच पर ही गिरफ्तारी दी। यहीं से उन्हें रिहा भी कर दिया गया। पुलिस की ओर से कहा गया कि विधानसभा सत्र चल रहा है, धारा 144 लागू है। ऐसे में विधानसभा की ओर जाना निषेध है। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने मंच पर ही गिरफ्तारी दी। इसके बाद कांग्रेस नेता आष्टा में खुदकुशी करने वाले मनोज परमार के बच्चों से मिलने आष्टा के लिए रवाना हो गए।
एमपी की पहचान घोटाला प्रदेश की: कमलनाथ
भोपाल के जवाहर चौक पर कांग्रेस की सभा में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- आज बड़े दुख के साथ मुझे कहना पड़ता है कि मध्यप्रदेश की पहचान घोटाला प्रदेश की है। नौजवानों के रोजगार में घोटाला। किसानों के बीज-खाद में घोटाला। जहां देखो घोटाला-घोटाला।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने बीजेपी, ईडी के दबाव में आत्महत्या कर ली। बीजेपी के लोग उनके बच्चों को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। मैं कल अपनी पार्टी के तमाम साथियों से मदद लेकर एक बड़ी गुल्लक उन बच्चों को देने जाऊंगा ताकि उन्हें पढ़ाई के लिए भविष्य में तकलीफ न हो।
पुलिस ने कांग्रेस नेताओं की ट्रैक्टर रैली को रोका
इससे पहले सुबह करीब 11 बजे पार्टी विधायक भोपाल में रेडक्रॉस हॉस्पिटल के सामने शिवाजी चौराहे पर इकट्ठा हुए। वे यहां से ट्रैक्टर रैली के जरिए विधानसभा जाना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें शिवाजी नगर चौराहे के पास ही रोक लिया। दूसरे जिलों से आ रहे कांग्रेस नेताओं को रोकने के लिए पुलिस ने भोपाल से लगी सड़कों पर बैरिकेड्स लगाए थे। राजगढ़ जिले से आए कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका तो जिला पंचायत अध्यक्ष चन्दर सिंह राजगढ़ की अधिकारियों से बहस हो गई।
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