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जमुना जी के तट पर सजेगा कन्हैया का भी मंदिर: मुख्यमंत्री 

भोपाल. हिन्दू तिथि अनुसार शनिवार को अयोध्या धाम में बने श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की पहली वर्षगांठ है। वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 11 से 13 जनवरी तक अयोध्या धाम के श्रीराम मंदिर परिसर में तीन दिवसीय भव्य अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इस दौरान मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार, यज्ञ, रामचरितमानस का संगीतमय पाठ, राग सेवा, बधाई गान, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। श्रीराम मंदिर के साथ देशभर में रामभक्तों द्वारा विभिन्न आयोजन कराए जा रहे हैं। 

शुक्रवार को वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मालवीय नगर पर सजी श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति का शुभारंभ किया गया। यह प्रदर्शनी भोपाल की हुजूर विधानसभा के विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा सजाई गई है। पूर्व संध्या पर कार्यकर्ताओं ने भव्य आतिशबाजी के साथ वर्षगांठ का अभिनंदन किया। इस दौरान उपस्थित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राम के जयकारों से पूरे वातावरण को राममय ऊर्जा से सराबोर कर दिया। 

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा, परमात्मा की कृपा से हमारा तो जीवन धन हो गया। 500 साल से ज्यादा के संघर्ष के बाद हमने अपने श्रीराम का भव्य मंदिर पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप हमारे भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। पलके खली की खुली रह गई और वह दृश्य जिसने भी देखा वह अह्लादित रह गया। उसी राम मंदिर के स्वरूप की यह प्रतिकृति भी अद्भुत आनंद देती है। 

मैं भाई रामेश्वर शर्मा एवं उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ कि उन्होंने वर्षगांठ को हर्ष का विषय बनाकर भव्य आयोजन किया। श्रीराम मंदिर का आलोक धीरे-धीरे निकालकर जिस प्रकार भोपाल तक आ गया है, उसी प्रकार हम सब कामना करें कि आने वाले समय में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक बार फिर आशीर्वाद मिले और हम जमुना जी के तट पर कृष्ण कन्हैया लाल का भी मंदिर सजाएं। गोपाल कृष्ण के धाम को भी जगमगाता देखें। जब आज भव्य भवन में भगवान श्रीराम मुस्कुरा रहे हैं, तो भगवान कृष्ण क्यों नहीं मुस्कुराएंगे। भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण की संस्कृति ही सच्चे अर्थों में भारत की संस्कृति है। 

कार्यक्रम में विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, प्रभु श्रीराम के पुनः भव्य मंदिर में विराजमान की यह वर्षगांठ सामान्य नहीं है। इसके लिए हमारे पूर्वजों ने 500 वर्षों तक संघर्ष किया है। अपना खून-पसीना बहाया और आवश्यकता आने पर प्राण भी न्यौछावर कर दिए। इस दिन के लिए हमारे कोठारी बंधुओं सहित अनेकों वीरों ने प्राणों का उत्सर्ग किया था। ऐसे अगणित बलिदानों और भाजपा की अखंड प्राणशक्ति के परिणामस्वरूप हमने श्री रामलला को अपने भव्य भवन में पुनः विराजते देखा है। हर हिन्दू गौरवान्वित है और मोदी जी को धन्यवाद देता है कि उनके दृढ़संकल्पित व्यक्तित्व के कारण आज हम राम मंदिर के लिए गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण की राह को आसान बनाकर हर हिन्दू के अमूल्य सपने को पूरा किया है। 

राष्ट्र के प्रति समर्पण, त्याग की भावना को प्रभु ने किया चरितार्थ : शर्मा

उन्होंने आगे कहा, श्रीराम का चरित्र हमें सिखाता है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी सत्य, धर्म, और न्याय का पालन किया जाए। उन्होंने अपने जीवन से परिवार, समाज, और राष्ट्र के प्रति समर्पण और त्याग की भावना को चरितार्थ किया। अयोध्या से लेकर लंका तक उनका नाम केवल एक राजा या योद्धा के रूप में नहीं, बल्कि मानवता के पथप्रदर्शक के रूप में गूंजता है। उनका आदर्श न केवल भारत के लिए, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रकाशपुंज है। इसलिए राम आगमन की वर्षगांठ केवल एक दिन मात्र नहीं है, यह राष्ट्रीय पर्व है। राष्ट्र की चेतना का उत्सव है। इसका उत्साह हम कभी कम नहीं होने देंगे।

भारत के उत्थान की प्रेरणा है राष्ट्र मंदिर

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