एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। पटवारी ने कहा कि सौरभ शर्मा की डायरी में बीजेपी के कई बडे़ नेताओं, मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों के नाम हैं। सौरभ शर्मा और उस डायरी का अस्तित्व खतरे में हैं। उस डायरी की जांच होना चाहिए।
पीसीसी चीफ ने कहा कि भ्रष्टाचारियों का जखीरा आपस में लड़ रहा है। एक दूसरे की शिकायत कर रहे हैं और एक दूसरे को चोर ठहरा रहे हैं। ये ऐसे गब्बर हो गए हैं जिन्हें जनता की मर्यादा का एहसास ही नहीं हैं। जो मत मिला उससे इतना मदमस्त हो गए हैं कि हम जनता के लिए कुछ करें। पार्टी विद डिफरेंस वो शब्द भूल गए।
पटवारी ने कहा कि हमने बार-बार कहा कि सौरभ शर्मा की जान को खतरा है। डायरी का सत्यापन होना चाहिए। इतने बड़े भ्रष्टाचार की डायरी मिसिंग है। लोकायुक्त अभी कबूल नहीं कर रही कि उनके पास डायरी है। न इनकम टैक्स ने और न ही ईडी ने ये बताया कि उनके पास डायरी है।
पटवारी ने कहा कि ईडी ने पहले ट्वीट किया कि 23 करोड़ रुपए मिले और बाद में उसे डिलीट कर दिया। डायरी और सौरभ शर्मा दोनों का अस्तित्व खतरे में हैं। डायरी मिलेगी या नहीं और उसका सत्यापन होगा या नहीं? ये सवाल बन गया, क्योंकि उसके पीछे पूरी सरकार है। सौरभ शर्मा दुबई में है या इंडिया में है, अमेरिका, लंदन में है पता ही नहीं कहां है? मैं मांग करता हूं कि जितनी भी डबल इंजन की एजेसियां हैं। वो इस मामले की जांच करें।
ईडी छोटे-छोटे मामलों में एक्टिव हो जाती है। अभी कुछ दिन पहले सीहोर के मनोज परमार ने आत्महत्या कर ली। ईडी को अभी कोई साक्ष्य नहीं मिला, लेकिन केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री रहते हुए जेल में रहना पड़ा। यहां इतना बड़ा जखीरा मिला, किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई, किसी से पूछताछ नहीं हुई। कुछ पब्लिक डोमेन में नहीं आया। इसलिए, क्योंकि उस डायरी में जितने नाम लिखे हैं।
सब बीजेपी के लोगों, बीजेपी के मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों की लिस्ट है, बीजेपी ने जो अधिकारी अपॉइंट किए उनकी लिस्ट है। इसलिए कि जो हाउस करके लिखा है वहां हमारे प्रदेश का मुखिया रहता है। डायरी का अस्तित्व खतरे में हैं। और सौरभ शर्मा का अस्तित्व खतरे में हैं। दोनों को बचाया जाए। मप्र और देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए और आम आदमी के खून पसीने की गाढ़ी कमाई के लिए इन दोनों का अस्तित्व जिंदा रहना बहुत जरूरी है।
सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति की अनुशंसा डॉ. नरोत्तम मिश्रा द्वारा किए जाने को लेकर पटवारी ने कहा कि चाहे नरोत्तम मिश्रा हों या डिप्टी सीएम शुक्ला जी का सवाल है सौरभ शर्मा की रिकमंडेशन के लिए क्या-क्या लगे ये सब जांच का विषय है। ये सब चोरी के पैसे का मामला है उस डायरी में सबके नाम हैं। उसमें नरोत्तम जी का भी होगा तो पता चलेगा।
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