एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. सर्दी का सीजन शुरू होते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा हमेशा सुर्खियों में रहती है, लेकिन इस बार मप्र की राजधानी भोपाल में भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। आलम यह है कि सड़कों के गड्ढों से उड़ती धूल और अन फिट गाड़ियों के धुआं से भोपाल की हवा बिगड़ गई है। ये एआरआई (आघारकर अनुसंधान संस्थान) पुणे, महाराष्ट्र की रिसर्च में सामने आया है।कमिश्नर संजीव सिंह ने मंगलवार को यह रिपोर्ट देखी तो वह तुरंत एक्टिव हो गए। उन्होंने सड़कों के निर्माण, रिपेयरिंग,गड्ढों के भराव, हर महीने पीयूसी जांचने, अन फिट गाड़ियों को हटाने और ईधन की शुद्धता की जांच करने की बात कहीं है।
दरअसल, मेसर्स एआरआई पुणे ने भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता के संबंध में एक अध्ययन किया है, जिसमें भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मुख्य वायु प्रदूषणकारी कारक एवं प्रतिशत की जानकारी सामने रखी है। इसके तहत सड़कों की धूल से पीएम 10- 62.2 प्रतिशत, पीएम 2.5-38 प्रतिशत, यातायात परिवहन पीएम 10-13 प्रतिशत, पीएम 2.5-29 प्रतिशत एवं अन्य पीएम 10-24.8 प्रतिशत, पीएम 2-33 प्रतिशत है।
कमिश्नर सिंह ने कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में शहर वायु गुणवत्ता सुधार के लिए बैठक भी की। इसमें जिला प्रशासन, नगर निगम, ट्रैफिक, आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहर में वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस से कहा कि अनफिट वाहनों पर उचित कार्रवाई करें। पीयूसी यूनिट द्वारा निरंतर जांच कर सर्टिफिकेट जारी करें। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि एयर क्वालिटी इंडेक्स की हर त्रैमासिक रिपोर्ट की समीक्षा की जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों की तीसरे माह के प्रथम सप्ताह में मॉनीटरिंग की जाए। मॉडरेड श्रेणी के हॉट स्पॉट की मॉनीटरिंग के लिए विस्तृत रणनीति तैयार कर कारण एवं निराकरण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। त्रैमासिक स्तर पर निरंतर तुलनात्मक गणना की जाए।
बैठक के दौरान कमिश्नर सिंह ने जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि नगर में व्यवसायिक गतिविधियों रेस्टोरेंट, होटल के तंदूर आदि पर अनाधिकृत ईधन का उपयोग करने पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करें। एलपीजी के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ इस पर लगातार नजर रखें।
कमिश्नर सिंह ने कहा कि जिले में फसल कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने पर नजर रखें। मामला सामने आने पर कार्रवाई भी करें। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे प्रकरणों की समीक्षा कर कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा जांच की जाए। ऐसे किसानों को पराली जलाने के हानिकारक दुष्परिणाम के बारे में जागरूक किया जाए। ऐसे किसानों को आवश्यकतानुसार मशीनीकृत सहयोग जैसे कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, अनुदान के साथ प्रदान किए जाएं।
संभागायुक्त ने नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण सिंह से कहा कि शहर में हॉट स्पॉट एवं धूल उड़ने के स्थानों पर जल छिड़काव व नियमित सफाई की जाए। रात के समय में कचरे से अलाव जलाने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने और निरीक्षण करने की बात भी कहीं। आरटीओ भोपाल को निर्देश दिये हैं कि पीयूसी मॉनीटरिंग को ऑनलाइन कर व्यापक स्तर पर जांच करें। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि ऐसे उद्योगों का वर्गीकरण करें, जिनके द्वारा प्रदूषण किया जा रहा है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारने के लिए नगर निगम 100 दिन का विशेष अभियान चला रहा है। धनतेरस, दिवाली और देव उठनी एकादशी के दिन विशेष रूप से पानी का छिड़काव, स्वीपिंग मशीन और फोगर मशीन का अधिक उपयोग किया जाएगा। भोपाल के विभिन्न स्थानों पर 85 फाउंटेन शुरू किए जाएंगे साथ ही सभी कचरा संग्रहण वाहनों का पीयूसी भी चैक किया जाएगा।
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