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सतना, मंडीदीप एवं जबलपुर में खुलेगा श्रमिकों के लिए अस्पताल 

भोपाल. पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने सतना, मंडीदीप एवं जबलपुर में अस्पताल निर्माण के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। पूर्व से संचालित अस्पताल एवं डिस्पेंसरीयों को अपग्रेड करने के निर्देश देते हुए कहा कि अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए, जिससे मरीजों को रेफर नहीं करना पडे़।

मंत्री पटेल गुरुवार को इन्दौर में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार क्षेत्रीय परिषद कर्मचारी राज्य बीमा निगम म.प्र. की 90वीं क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। पटेल ने कहा कि यह बैठक श्रमिक और कर्मचारियों के हित के लिए बहुत सकारात्मक है। उन्होंने निर्देश दिए कि निगम के पास उपलब्ध अपनी रिक्त पड़ी जमीन पर अस्पताल और डिस्पेंसरी निर्माण के प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को प्रस्तुत करें।

मंत्री पटेल ने इंडस्ट्रियल कोरिडोर के मद्देनजर रतलाम में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान किये जाने हेतु 50 बिस्तर के अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। नवीन अस्पताल एवं डिस्पेंसरी चिन्हांकन में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि स्थल शहर से नजदीक हो ताकि इलाज कराने वालों को परेशानी नहीं हो। उन्होंने पीथमपुर में अस्पताल निर्माण समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्रीय परिषद की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने और अन्य स्थानों पर अस्पताल निर्माण की कार्रवाई के निर्देश दिए।

मंत्री पटेल ने कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय सोनगिरी भोपाल में ईएसआईएस हॉस्पिटल परिसर में जीर्णशीर्ण आवासीय भवनों को खाली कराए जाने की कार्रवाई तथा नवीन निर्माण संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने डिस्पेन्सरियों एवं अस्पताल के माध्यम से वितरित होने वाली दवाओं की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुविधाओं के मद्देनजर आयुष्मान भारत कार्ड योजना से अस्पतालों को इनपैनल किए जाने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। सोनगिरी में जल्दी एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने बेहतर समन्वय के साथ निर्माण श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं एवं अन्य योजनाओं की सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए।

मंत्री पटेल ने प्रदेश के नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों में कर्मचारियों के पंजीयन की प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए अन्य नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों में पंजीयन की प्रक्रिया के माध्यम से अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीयन कराए जाने के श्रमिकों के पंजीयन का अभियान चलायें जाने के लिए विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि डिस्पेंसरी एवं अस्पतालों में जेनरिक दवाओं की उपलब्धता समय पर निश्चित हो इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करें। निर्माण गुणवत्तापूर्ण और समय सीमा में सुनिश्चित किये जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी श्रमिक को इमरजेंसी में स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होने पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रम विभाग एवं क्षेत्रीय परिषद उपाध्यक्ष सचिन सिन्हा, श्रम आयुक्त इन्दौर एस धनराजू, क्षेत्रीय निदेशक एवं सदस्य सचिव क्षेत्रीय परिषद एम रूबानी, सहायक संचालक ईएसआईएस नटवर शारदा, राज्य चिकित्सा अधिकारी मनीष मालवीय, बीमा आयुक्त पश्चिम क्षेत्र रामजीलाल मीणा, चिकित्सा आयुक्त गुंजन गुप्ता, निश्चशल कुमार नागर, महेश मालवीय, नियोक्ता प्रतिनिधि वेंकटेश गोयल, कर्मचारियों के प्रतिनिधि महेश मालवीय, लक्ष्मीनारायण पाठक, राजेश तिवारी सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

प्राकृतिक संसाधनों, मानव श्रम का आदर करना सीखना होगा: मंत्री पटेल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि अब मूल की ओर लौटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाज और प्रकृति से जो लिया हैं उसे वापस लौटाने की जिम्मेदारी भी हमारी है। प्राकृतिक संसाधनों और मानव श्रम का आदर करना सीखना होगा। पटेल गुरुवार को यहां ट्रांसफार्मिग रूरल इंडिया - टीआरआई की पहल पर आयोजित समृद्ध ग्रामीण मध्यप्रदेश पर एक दिवसीय विचार संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

पटेल ने कहा कि आजीविका के संसाधनों, प्राकृतिक संसाधनों पर जैविक दबाव बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि जल के प्रति अत्यंत सचेत रहने का समय है। जल जीवनदायी तत्व है। जीवन बचाने के लिये इसे बचाना जरूरी है। इसे रिसायकल करने की प्रक्रिया से अलग हटते हुए पुन: उपयोग को बढ़ावा देना होगा।

पटेल ने कहा कि स्वसहायता समूहों से जुड़ी मातृशक्त‍ि मिलेट उत्पादन और मिलेट से बने खादय पदार्थो को बनाने से जुडी हैं। उन्होने कहा कि स्वसहायता समूहों की सामाजिक सुरक्षा पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि मिलेट को श्रीअन्न के रूप में बढ़ावा देकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर में इसकी मार्केटिंग कर दी है। यह स्वास्थ्य बढ़ाने, भुखमरी हटाने और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने वाली उपज साबित हुई है। पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में खादय प्रसंस्करण की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होने कहा कि भारत देश में खान-पान के तौर तरीके हर पचास-सौ किलोमीटर पर बदल जाते हैं। इसलिये खादय प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं है। पटेल ने कहा कि दिन-प्रतिदिन आवश्यकताएं बढती जाती हैं और साथ ही संसाधनों पर भी दबाव बढ़ता जाता है।

इस अवसर पर मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल के संचालक के.के. शुक्ला, टीआरआई की स्टेट लीड अलीवा दास और सीनियर समन्वयक राजेश सिंह और वरिष्ठ परामर्शदाता टीआरआई शहजाद खान उपस्थित थे।

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