एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. श्योपुर के कूनो-पालपुर अभयारण्य में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों की मौत को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। अब तक सात चीतों की मौत कूनो में हो चुकी है। चीतों की मौत को लेकर वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने बयान दिया है।
भोपाल में वन मंत्री ने अपने आवास पर मीडिया से चर्चा में कहा - बिना विशेषज्ञों की परमिशन के न तो चीतों को खाना दिया जाता है न उनको छोड़ा जाता है। जानवर के व्यवहार में क्या परिवर्तन आ रहा है या नहीं आ रहा है। पूरी टीम उसकी जांच करके फिर निर्णय लेती है। जो 4 बच्चे हुए थे वह बहुत तंदुरूस्त नहीं थे। उनको इसमें नहीं गिना जाना चाहिए। बाकी जो दो चीतों की मौतें हुई हैं उसको लेकर यह कह सकते हैं कि जानवरों में यह सामान्य प्रक्रिया है। भोजन, मैटिंग और अपनी टेरिटरी को लेकर जानवरों में आपसी वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है।
यह कहना सही नहीं है कि हम लोग उनकी ठीक से रक्षा नहीं कर पाए। आगे से कोई डेथ न हो ये कोई कैसे कह सकता है। जंगल में 24 घंटे कोई उनके साथ कैसे रह सकता है। ये कोई कैसे नहीं कह सकता कि आगे से कोई डेथ न हो। मेडिकल रिपोर्ट में यह सामने आया है कि वह शॉक में चला गया था। जो घाव थे वह इतने गहरे नहीं थे। वन मंत्री ने कहा- यह ऐसे प्राणी होते हैं जिनको ट्रेंकुलाइज नहीं करते। जब इन्हें लाए थे तब ट्रेंकुलाइज करके नहीं लाए थे। जब इनका परिवहन करते हैं तब ट्रेंकुलाइज नहीं करते। यह संवेदनशील जानवर है, जब आपसी लड़ाई होती है तो इनके दिल की धड़कन तेज हो जाती हैं तो वह शॉक में चले जाते हैं।
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