एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षाबंधन पर बहनों के खाते में सिंगल क्लिक से 312.64 करोड़ रुपए की राशि अंतरित कर उन्हें विशेष उपहार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में बहनों को प्रतिमाह दी जा रही राशि एक हजार के बजाय अब अक्टूबर से 1250 रुपए की राशि दी जाएगी।
राखी पर आज हर बहन को उपहार के रूप में 250 रुपए दिए जा रहे हैं। बहनों के खाते में 10 सितंबर को योजना के एक हजार रुपए डाले जाएंगे। अक्टूबर से 1250 रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां रक्षाबंधन के अवसर पर जंबूरी मैदान भोपाल में विशाल लाड़ली बहना सम्मेलन में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
पुलिस सहित अन्य भर्तियों में 35 प्रतिशत आरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस सहित अन्य भर्तियों में 35 प्रतिशत बहनों को नियुक्तियां दी जाएंगी। शिक्षकों के पदों पर 50 प्रतिशत बहनें नियुक्त होंगी। स्थानीय निकायों में एल्डरमैन और अन्य पदों पर महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। बहनों और बेटियों को बेहतर शिक्षा का प्रावधान करते हुए बहनों की शिक्षण फीस शासन द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों का सम्मान सर्वोपरि है। यदि बहनें नहीं चाहेंगी, तो किसी क्षेत्र में मदिरा की दुकान नहीं खुलेगी। इसके लिए आबकारी नीति में परिवर्तन किए जाएंगे।
बहनों की आय प्रतिमाह 10,000 करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहनाएं आजीविका मिशन के अंतर्गत आ जाएंगी, तो उन्हें सभी आवश्यक लाभ मिलेंगे। पथ विक्रेता योजना के अंतर्गत लाभ मिलेगा। छोटे मोटे उद्योग के लिए इंडस्ट्रियल स्टेट में भूखंड मिलेगा। प्रदेश में बहनों के नाम स्टाम्प शुल्क अब एक प्रतिशत कर दिया गया है। लक्ष्य यह है कि बहनों की मासिक आमदनी कम से कम 10 हजार रुपए हो जाए।
450 रुपए में रसोई गैस
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों को 450 रुपए में रसोई गैस मिलेगी। बाद में स्थायी व्यवस्था की जाएगी, ताकि बहनें परेशान न हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उज्जवला गैस योजना लागू करने के लिए अभिनंदन के पात्र हैं। चौहान ने कहा कि गांवों में निःशुल्क भूखंड और शहरों में अतिक्रमण से मुक्त जमीन पर भूखंड बहनों को दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री आवास योजना में भी लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर तक बढ़े हुए बिजली बिल की वसूली नहीं होगी। सिर्फ सौ रुपए तक बिल आएगा। मजरों-टोलों में जिनके घर बिजली नहीं हैं, वहां 20 घर की बस्ती में भी बिजली दी जाएगी। बिजली देने के लिए 900 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
ये घोषणाएं भी
- सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत महिलाओं को नियुक्तियां।
- लाड़ली बेटियों को मामा पढ़ाएगा। उनकी फीस भरवाई जाएगी, ताकि बेटियाँ भी ठीक से पढ़ सकें।
- जितनी भी लाड़ली बहना हैं वे सभी आजीविका मिशन के अंतर्गत आएंगी, उन्हें लोन भी मिलेगा जिससे वे अपना काम शुरू कर सकें। इस लोन का ब्याज मध्यप्रदेश की सरकार भरेगी।
- इंडस्ट्रियल एस्टेट्स में बहनों को उद्यमिता के लिए प्लॉट प्राथमिकता से दिए जाएंगे।
- गांवों में बहनों को रहने के लिए भू-खंड दिया जाएगा। शहर में माफिया से छीनी गई भूमि पर बहनों के रहने के लिए प्लॉट दिया जाएगा।
- बढ़े हुए बिजली बिलों की वसूली बहनों से नहीं की जाएगी, बड़े बिजली बिलों से बहनों को मुक्ति मिलेगी।
महिला कल्याण पर व्यय राशि का विवरण
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में महिला कल्याण पर खर्च की गई राशि का विवरण भी दिया। मुख्य रूप से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की सवा करोड़ पात्र महिलाओं के खाते में 3 किश्तों में कुल 3 हजार 628 करोड़ 85 लाख से अधिक की राशि हुई अंतरित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में व्यय राशि
- जबलपुर से जारी हुई पहली किश्त- 1 हजार 209 करोड़ 64 लाख 47 हजार रुपए
- इंदौर से जारी हुई दूसरी किश्त- 1 हजार 209 करोड़ 62 लाख 19 हजार रुपए
- रीवा से जारी हुई तीसरी किश्त – 1 हजार 209 करोड़ 59 लाख 22 हजार रुपए
- भोपाल में 27 अगस्त को रुपये 250/- के मान से कुल राशि 312 करोड 64 लाख 1 हजार 250 रुपये।
- योजना में राशि एक हजार रुपए से क्रमश: बढ़ाकर 3 हजार रुपए की जाएगी।
लाड़ली बहना सेनाएं
- प्रदेश में 60 हजार 460 ग्रामों और नगरीय वार्डों में लाड़ली बहना सेना का गठन किया जा चुका है।
- प्रत्येक लाड़ली बहना सेना में 11 से 21 महिलाएं जुड़ चुकी हैं।
- प्रदेश में कुल 8 लाख महिलाएं लाड़ली बहना सेना में शामिल हैं।
बेटियां बनी लखपति
- प्रदेश में 45.72 लाख से अधिक बेटियां लखपति बनीं हैं।
- अब तक 13 लाख 30 हजार से अधिक लाड़ली बेटियों को 366 करोड़ रुपए से अधिक की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।
- लाड़ली बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 25 हजार रुपए तक की सहायता दी जाती है।
गांव की बेटी योजना
गांव की बेटी योजना-अब तक गांव की पाठशाला से 12वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाली छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए 09 लाख 60 हजार छात्राओं को 544 करोड़ रुपए से अधिक की शिक्षा प्रोत्साहन सहायता दी जा चुकी है।
प्रतिभा किरण योजना
प्रतिभा किरण योजना में अब तक शहरी क्षेत्र की गरीब परिवार की 67 हजार 600 से अधिक छात्राओं को 30 करोड़ रुपए से अधिक की शिक्षा प्रोत्साहन सहायता प्रदाय की जा चुकी है।
बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण के अन्य महत्वपूर्ण कदम
- स्थानीय निकाय चुनावों में 2 लाख से अधिक बहनें चुनकर आईं।
- स्थानीय निकाय चुनावों में स्व-सहायता समूहों की 17 हजार से अधिक बहनें चुनाव जीतीं।
- 4 लाख 50 हजार से अधिक स्व सहायता समूहों से 53 लाख से अधिक महिलाएँ जुड़ीं।
- 5 हजार 800 करोड़ रूपए से अधिक का क्रेडिट लिंकेज दिलवाया गया।
प्रदेश की हर बहन को लखपति बनाने का लक्ष्य
जमीन या मकान की रजिस्ट्री घर की महिला सदस्य के नाम पर कराने पर या फिर महिला को संपत्ति पट्टे पर प्राप्त होने पर पंजीयन शुल्क हमने 3% से घटाकर एक प्रतिशत किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बने 52% और शहरी क्षेत्रों में बने 70% से अधिक घरों का मालिकाना हक महिलाओं को। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश, देश में नंबर वन है। अब तक गर्भवती महिलाओं को 1500 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी गई है। संबल योजना में प्रसव पूर्व एवं पश्चात महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रत्येक महिला को 16 हजार रुपए की सहायता दी जा रही है। आहार अनुदान योजना- बैगा, सहरिया, भारिया परिवारों की महिलाओं को 300 करोड़ प्रतिवर्ष की सहायता दी गई है। अब तक 1 हजार 460 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है।
ये भी मिल रहा लाभ
कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली बेटियों को लैपटॉप के लिए 25 हजार की राशि का प्रावधान किया गया है। स्कूल में टॉप करने वाले बालिका को स्कूटी प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह कल्याणी विवाह, नि:शक्तजन विवाह योजनाओं में अब तक 6 लाख 10 हजार से अधिक बेटियों को 1592 करोड़ से अधिक के हितलाभ प्रदान किए गए।
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