एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और शिफ्ट तथा मृत वोटर्स के नाम काटने को लेकर मंगलवार से शुरू कार्रवाई के बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों से मतदान केंद्रों के बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) को एक्टिव करने को कहा है। जिन दलों के बीएलए नहीं हैं, उनसे कहा गया है कि वे सभी मतदान केंद्रों के लिये अपने-अपने बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की नियुक्ति अवश्य कर दें। यदि बीएलए नियुक्त हैं तो उन्हें और अधिक सक्रिय होने के लिए कहें, ताकि जिनके नाम जुडना है, वे जोड़े जा सकें।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दलों के नेताओं को फोटोयुक्त मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2025 के संबंध में जानकारी देकर मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन की सीडी भी दी गई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सिंह ने कहा कि आज मतदाता सूची के प्रारूप का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया है। आज से ही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, वोटर आईडी कार्ड में संशोधन कराने और मृत मतदाताओं के नाम हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह प्रक्रिया 28 नवंबर 2024 तक चलेगी।
आगामी 9 नवंबर, 10 नवंबर, 16 नवंबर और 17 नवंबर को प्रदेश भर में विशेष कैम्प लगाकर अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश के सभी 65 हजार 15 मतदान केंद्रों पर कार्यालयीन समय में बीएलओ उपस्थित रहेंगे। सभी दावे आपत्तियों का 24 नवंबर तक निराकरण किया जाएगा। 6 जनवरी 2025 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
बैठक में सीईओ सिंह ने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सभी मतदान केंद्रों के लिए अपने-अपने बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की नियुक्ति अवश्य कर दें। यदि बीएलए नियुक्त हैं, तो उन्हें और अधिक सक्रिय होने के लिए निर्देशित करें। बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कौल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बसंत कुर्रे, विवेक श्रोतिय, बीजेपी से एसएस उप्पल, कांग्रेस से जेपी धनोपिया, आम आदमी पार्टी से सुमित चौहान एवं बसपा से पूर्णेंद्र अहिरवार उपस्थित रहे।
18 साल की आयु पूरी करने वाले नाम जुड़वाने करें आवेदन
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह ने बताया कि जो युवा 1 जनवरी 2025 को 18 साल की आयु पूरी कर रहे हैं, वे सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। नए मतदाताओं का वोटर आईडी कार्ड स्पीड पोस्ट के जरिए आसानी से उनके घर तक पहुंच जाएगा। सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की नि:शुल्क सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ऑनलाइन आवेदन वोटर हेल्पलाइन ऐप और https://voters.eci.gov.in/ के माध्यम से किया जा सकता है। ऑफलाइन आवेदन के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) से संपर्क किया जा सकता है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के संबंध में किसी भी प्रकार की शंका या जानकारी के लिए निर्वाचन हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1950 में कार्यालयीन समय पर कॉल करके समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
कांग्रेस ने चुनावी जानकारी नहीं देने का लगाया आरोप
मध्य प्रदेश में 2 विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग की ओर से अब तक मतदान केंद्रों का विवरण नहीं दिया है। साथ ही बीएलओ की सूची और संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी भी नहीं दी गई। इसके साथ ही आचार संहिता उल्लंघन के मामले में शिकायतों पर कार्यवाही भी नहीं की जा रही है। कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह के सामने ये बातें कही हैं।
दरअसल, मंगलवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें कांग्रेस के प्रदेश चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि 16 अक्टूबर चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट के चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सीईओ से कुछ जानकारियां मांगी थी। ये जानकारी अब तक नहीं दी गई हैं। कांग्रेस ने विजयपुर और बुधनी सीट के चुनाव से संबंधित अधिकारियों के नाम, पद और नंबर मांगे थे, जो अब तक नहीं दिए हैं।
इसी तरह 16 अक्टूबर को हुई मीटिंग के मिनट्स भी नहीं मिले हैं। राजनीतिक दलों को मतदान केंद्रों का ब्यौरा, बीएलओ की सूची, संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी देने में भी आनाकानी की गई। कांग्रेस की शिकायत के बाद सीईओ एमपी इलेक्शन ने जल्द ही जानकारी दिलाने के लिए आश्वस्त किया है।
विजयपुर की आधा दर्जन से अधिक शिकायतें
कांग्रेस उपचुनाव को लेकर कई शिकायतें सीईओ से कर चुकी है। इसमें से आधा दर्जन से अधिक कम्प्लेन अकेले विजयपुर विधानसभा क्षेत्र की है, जिसमें अधिकारियों द्वारा वन मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत के पक्ष में चुनाव प्रचार करने, जनपद सीईओ की पोस्टिंग गृह क्षेत्र में किए जाने समेत अन्य कम्प्लेन शामिल हैं।
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