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कलेक्टरों से रूबरू सीएस जैन, बोले—लॉ एंड ऑर्डर पर रखें फोकस 

भोपाल. मध्यप्रदेश में नवनियुक्त मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सोमवार को पहली बार प्रदेश के सभी कलेक्टर, एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रूबरू हुए। जैन ने मैदानी अधिकारियों के साथ हुई पहली बैठक में दो टूक कहा कि प्रदेश में लॉ एंड आर्डर को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें। साथ ही समय सीमा में होने वाले कार्यों को नियत समय पर पूरे करने पर भी विशेष ध्यान दें। जैन ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को रबी सीजन में खाद—बीज की पर्याप्त व्यवस्था करने के साथ निर्माण कार्यों की समय सीमा और गुणवत्ता पर भी फोकस करने को कहा।  

दरअसल, सोमवार को मंत्रालय में आधे घंटे से अधिक तक चली कलेक्टर—एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव जैन ने आगामी त्यौहारों में होने वाली व्यवस्थाओं को लेकर भी तैयारी करने को कहा। खासकर दतिया जिले के रतनगढ़ में मेले की व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि रतनगढ़ में दो साल पहले बाढ़ में बहा पुल अब फिर शुरू हो गया है। इसके चलते श्रद्धालुओं को आवागमन में आसानी होगी। मुख्य सचिव ने मैदानी अधिकारियों से विभागीय कार्य की रिपोर्ट भी ली। 

बालाघाट से बैठक में शामिल हुए डीजीपी

मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी रेंज के आईजी और एडीजी भी शामिल हुए। डीजीपी सुधीर सक्सेना भी बैठक में शामिल हुए। सक्सेना बालाघाट रेंज के दौरे पर हैं। इसलिए सोमवार को हुई सीएस की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग में डीजीपी सक्सेना बालाघाट एनआईसी से बैठक में शामिल हुए और पुलिस की रिपोर्ट बताई।

मुख्य सचिव ने गिनाईं प्राथमिकताएं

  • जो भी छोटे बड़े प्रोजेक्ट आन वर्किंग हैं उनके निर्माण कार्य तय समय पर हों।
  • नवरात्र पर्व बीत गया है और अब दीपावली की तैयारी शुरू हो गई है। इसलिए लॉ एंड आर्डर पर कलेक्टर, एसपी फोकस करेंगे।
  • दीपावली के लिए पटाखा की दुकानों के लाइसेंस ठीक से चेक करें। किसी तरह की गड़बड़ी और लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
  • जिस योजना के लिए और जिस काम की जो टाइम लाइन तय है, उसी के आधार पर समय सीमा में काम हो।
  • कुछ जिलों में डीएपी खाद की दिक्कत सामने आई है। अधिकारी जिलों में खाद-बीज की कमी न होने देने और किसी तरह की अप्रिय स्थिति नहीं बनने देने पर फोकस कर काम करें।
  • फसलों का उपार्जन का काम समय पर हो। सरकार ने जो व्यवस्था तय की है, उसके आधार पर सोयाबीन और धान का उपार्जन किया जाए।
  • मौसमी बीमारी डेंगू, चिकनगुनिया के मरीज बढ़ रहे हैं। इन रोगों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपचार किए जाएं।

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