एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
हरदा/भोपाल . हरदा जिले बहुचर्चित आदिवासियों की जमीन नामंत्रण फर्जीवाड़े में शिकायत के बाद जांच में पता चला कि रसूखदरों ने गरीब आदिवासियों की जमीन का नामांतरण अपने नाम करा लिया, जिसको लेकर मामले का खुलासा हुआ तो जांच में सामने आया कि पटवारियों द्वारा हेराफेरी कर जमीन का नामांतरण किया गया। इस पूरे मामले में कलेक्टर के निर्देश पर फर्जी नामांतरण मामले में एफआइआर के आदेश जारी किए गए। जानकारी के मुताबिक पटवारी अभिषेक मिश्रा ने राजस्व पंजी में फर्जी हस्ताक्षर से आदिवासियों की जमीन नामांतरण करने की शिकायत कलेक्टर ऋषि गर्ग से एक माह पहले की थी। इसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया तत्काल जांच टीम गठित की गई। जांच की जिम्मेदारी एडीएम प्रवीण फुलपगारे को सौंपी गई जांच के बाद पांच पटवारियों को निलंबित कर दिया गया, इसमें एक पटवारी वर्तमान में अनूपपुर में पदस्थ है उस पर कार्रवाई के लिए अनूपपुर कलेक्टर को लिखा गया है। इधर, हंडिया तहसीलदार चौहान रिकॉर्ड एकत्रित कर रहे हैं। इधर, पटवारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। इसके अलावा राजस्व रिकॉर्ड भी दुरूस्त किया जा रहा है।
इन पर एफआईआर
राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर कर जिले के 7 गांवों के आदिवासियों की करीब 51 हेक्टेयर जमीन का नामांतरण रसूखदारों के नाम करने के मामले में एफआईआर होगी। इसमें 6 पटवारी और 11 खरीददार शामिल हैं। जमीन खरीदारों के मामले में 4 महिलाओं के नाम भी हैं। इसमें हंडिया और सिविल लाइन थाने में एफआईआर होगी। इसकी पूरी तैयारी प्रशासन ने कर ली है। राजस्व विभाग की प्राथमिक जांच में राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना नामांतरण करना पाया गया। इसमें धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, षड़यंत्र रचने और एससीएसटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज होगा। अपराध दर्ज करने की जिम्मेदारी हंडिया तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान को सौंपी गई है। नामांतरित की गई 127 एकड़ भूमि का शासकीय गाइड लाइन के अनुसार बाजार मूल्य 6 करोड़ के आसपास है, जिसे आरोपी पटवारियों ने किसानों से मोटी रकम लेकर फर्जी नामांतरण कर दिया है। इस मामले में जांच के दौरान दोषी पाए जाने वाले पांच पटवारियों को पूर्व में एसडीएम महेश कुमार बहनाह ने निलंबित कर दिया है। इस पूरे मामले में एडीएम प्रवीण फुलपगारे ने करीब 1400 पेजों में जांच रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें बिना सक्षम अधिकारी के सहमति के फर्जी हस्ताक्षर से जमीन के नामांतरण करने का मामला उजागर हुआ है। जमीन का हेरफेर हरदा तहसील के अंतर्गत आने वाले सामरधा एवं हंडिया तहसील के ग्राम जामलीदमामी, धनगांव, कुसिया, गाड़रापुरसेठ, रेवापुर, इडरवा एवं नवरंगपुरा गांव में हुआ है। इस पूरे मामले में तहसील कार्यालय की कानूनगो शाखा से साजिश की शुरूआत हुई है। जिसमें उक्त भूमि की संसोधन पंजी को बाहर लाकर उसमें फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन को हस्तांतरित किया गया है । जिसमें आदिवासी किसानों की खेतिहर भूमि के रिकार्ड में हेराफेरी कर उसे वापस कानूनगो शाखा में जमा करा कर कुछ दबंगों को लाभ देने का प्रयास सोची समझी साजिश के तहत किया है। उधर, राजस्व विभाग की जांच में जिन किसानों के नाम पर फर्जी साइन से उक्त जमीन की गई है। उन्होंने अपने बयान में पटवारियों के द्वारा उनसे रुपए लेकर उक्त भूमि को उनके नाम पर करने की बात कही गई है, जिसमें पटवारियों ने उनसे करीब एक करोड़ रुपये लिए बतौर रिश्वत लेने की बात भी सामने आने की चर्चा है। बताया जा रहा कि इस कार्य को करने के लिए करीब तीन सालों से षड्यंत्र रचा गया था। जिसके कागजात हरदा की एक लॉज में बैठकर पटवारियों ने तैयार किए हैं। पुलिस के अनुसार जांच में पटवारियों के अलावा राजस्व विभाग के ओर भी कर्मचारी आरोपी बन सकते है।
शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरी के मामले में कुल 17 लोगों पर प्रकरण दर्ज शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरी करने तथा कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की शिकायतों की जांच के बाद गत दिनों 6 पटवारियों श्रीमती दीपिका मर्सकोले, कपिल प्रधान, दीपक राजपूत, जयंत जगैत, आशीष मालवीय व हरिराम कुमरे को निलंबित करने के आदेश जारी किए गये थे। एक अन्य पटवारी प्रदीप परस्ते जिला अनूपपुर में पदस्थ है। अत: उनके विरूद्ध कार्यवाही के लिये कलेक्टर अनूपपुर को लिखा गया है। इन सभी 6 पटवारियों कपिल प्रधान, दीपक राजपूत, जयंत जगैत, आशीष मालवीय, हरिराम कुमरे व प्रदीप परस्ते के विरुद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। शासकीय राजस्व दस्तावेजों में हेराफेरी में जिन 11 किसानों के नाम भूमि अवैध तरीके से ट्रांसफर की गई है। उन सभी 11 किसानों राजेश बिश्नोई, लोकेश बिश्नोई, विद्याबाई पति शांतिलाल बिश्नोई, बृजमोहन बिश्नोई, राधिका बिश्नोई, अकलेश बिश्नोई, लीला बाई बिश्नोई, लक्की बिश्नोई, विद्या पति रविन्द्र बिश्नोई, भगतराम बिश्नोई के विरूद्ध भी सिविल लाइन हरदा थाने में हंडिया तहसीलदार महेन्द्र चौहान द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उल्लेखनीय है कि जामली दमामी ग्राम की नामांतरण पंजी में पटवारी व तहसीलदार के जाली हस्ताक्षर कर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आदिवासियों की भूमि को गैर आदिवासियों के नाम से अंतरित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कलेक्टर ऋषि गर्ग ने चार सदस्यीय जांच दल गठित किया, जिसमें अपर कलेक्टर प्रवीण फुलपगारे, एसडीएम महेश बमन्हा, तहसीलदार हंडिया तथा अपर कलेक्टर के रीडर को शामिल किया गया। जांच दल से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर 6 पटवारी निलंबित किये गये तथा 6 पटवारियों सहित 17 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। सभी 6 पटवारियों के विरूद्ध विभागीय जांच भी कायम की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में कुल 36.259 हेक्टेयर भूमि के राजस्व अभिलेख में हेराफेरी की गई है।
Comments
Add Comment