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पूर्व आरटीओ कांस्टेबल शर्मा और मां के खिलाफ एफआईआर 

ग्वालियर. मप्र में पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा पर ग्वालियर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। परिवहन विभाग की शिकायत के आधार पर शुक्रवार देर रात सिरोल थाने में मामला दर्ज किया गया। सौरभ शर्मा के मामले में यह पांचवीं जांच एजेंसी शामिल है। इससे पहले लोकायुक्त, ईडी, आयकर विभाग और डीआरआई उनकी संपत्ति, मनी ट्रेल और कथित काले धन निवेश की जांच कर रहे थे। 

जानकारी के अनुसार, 2016 में सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति के जरिए परिवहन विभाग में नौकरी हासिल की थी। हालांकि, उन्होंने और उनकी मां ने कथित तौर पर यह तथ्य छिपाया कि उनके बड़े भाई सचिन शर्मा पहले से ही छत्तीसगढ़ सरकार में कार्यरत हैं। आरटीआई कार्यकर्ता संकेत साहू ने पहले लोकायुक्त से इस बारे में शिकायत की थी।

संयुक्त परिवहन आयुक्त के निर्देश के बाद जांच की गई। विभाग ने सर्विस रिकॉर्ड प्राप्त किए और छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग से संपर्क किया। इसमें पुष्टि हुई कि सचिन शर्मा रायपुर में सड़क विकास निगम में कार्यरत थे। इससे साबित हुआ कि सौरभ और उनकी मां ने झूठे हलफनामे पेश किए थे। कई एजेंसियां ​​मामले की जांच कर रही हैं। 

सौरभ शर्मा के मामले में यह पांचवीं जांच एजेंसी की एंट्री है। इससे पहले लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) पहले से ही उनके वित्तीय लेन-देन और संपत्ति संचय की जांच कर रहे थे। ईडी संपत्ति रिकॉर्ड की जांच कर रहा है और वित्तीय लेनदेन पर नज़र रख रहा है, जबकि आयकर विभाग उनके सहयोगी चेतन सिंह गौर के वाहन से बरामद 11 करोड़ रुपये नकद और 54 किलो सोने के स्रोत की जांच कर रहा है। इस बीच, डीआरआई यह जांच कर रहा है कि जब्त सोना कानूनी तरीकों से हासिल किया गया था या नहीं।

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