एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में उद्यमशीलता के माध्यम से हम भारत को एक बार फिर सोने की चिड़िया बनाएंगे। वर्ष 2014 में जब मोदी की सरकार बनी थी, भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष गंभीर चुनौतियां थीं। भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। हमने अपनी आंतरिक शक्तियों, अनंत संभावनाओं को पहचाना और आज हम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी तेज गति से विकास हो रहा है। हमारा मध्यप्रदेश 9 करोड़ का परिवार है और आने वाले 5 वर्षों में हम अपनी जीडीपी को दोगुना करने वाले हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरलता, सुगमता के साथ व्यापार, व्यवसाय हमारी औद्योगिक नीति है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण है। हम उद्योगों को सहकार, सहयोग और सम्मान देते हैं। राज्य में औद्योगिक श्रमिकों की कोई परेशानी नहीं है। पर्यटन, आईटी सेक्टर और रेडीमेड गारमेंट्स आदि क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष इंसेन्टिव दिए जाते हैं। रेडीमेड गारमेंट्स में 200 प्रतिशत तक मदद दी जाती है और 10 वर्ष तक 5 हजार रूपये प्रति मजदूर इंसेन्टिव भी दिया जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक युवा को उसकी योग्यता और दक्षता के अनुरूप रोजगार मिलेगा। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ समय में 6 रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित किये गए हैं, जिनमें 04 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आया है, और इनसे 3 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मध्यप्रदेश में आगामी 24 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव आयोजित की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को तलाशते हुए, सभी विभाग अपनी नीतियां बना रहे हैं, जो शीघ्र ही तैयार हो जाएंगी। प्रदेश में नव उद्यमिता (स्टार्ट-अप) को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस की सभी को बधाई दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे लिए विकास का अर्थ केवल भौतिक अधोसंरचनाओं का विकास नहीं है, हम समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब, युवा, महिला और किसानों के कल्याण के लिए मिशन प्रारंभ किया है, जिस पर हम तेजी से कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहडोल, अनूपपुर, उमरिया क्षेत्र धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, परंतु इस क्षेत्र का विकास कहीं न कहीं रुका हुआ था। अब इनके विकास का समय आया है, आगामी वर्षों में यहां सर्वांगीण विकास होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में संतुलित विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश की 7वीं रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव 'अपार संभावनाओं की भूमि' शहडोल में आयोजित हुई है। उद्योगपतियों द्वारा यहां अपने अनुभव साझा किये गये है।
मध्यप्रदेश की अग्रसर औद्योगिक नीति और अनुकूल औद्योगिक वातावरण से यहां निवेश के निरंतर प्रस्ताव प्राप्त हो रहे है, जो कि हमारी प्रगतिशील औद्योगिक नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमारा लक्ष्य है शहडोल को एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना जो के केवल मध्यप्रदेश नहीं अपितु पूरे देश का औद्योगिक केन्द्र बनें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं सभी उद्योगपतियों और निवेशकों का धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, जिन्होंने इस कान्क्लेव में शामिल होकर क्षेत्र में निवेश के प्रति की रूचि दिखाई है। राज्य सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को हर संभव सहायता और सहयोग करेगी, जिससे इस क्षेत्र का समग्र विकास हो सकें।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन से शहडोल के नागरिकों में उत्साह और रोमांच का संचार हुआ है। ऐसा आयोजन, जो अब तक केवल बड़े शहरों तक सीमित रहता था, आज मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी सोच और प्रदेश के समग्र विकास के संकल्प के कारण संभाग स्तर में संभव हो पाया है।
उद्योगपतियों ने कोयला, ऊर्जा और इस्पात के क्षेत्र में दिये निवेश प्रस्ताव
शहडोल रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में शामिल 40 से अधिक उद्योगपतियों ने निवेश के कई प्रस्ताव दिए। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की औद्योगिक संवर्धन नीति की प्रशंसा की।
टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट नवीन कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश की निवेश नीति उद्योगों के अनुकूल है। मध्यप्रदेश निवेश की दृष्टि से आदर्श राज्य है। यहां तय समय-सीमा में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश में पर्याप्त बिजली पानी और अधोसंरचना की सुविधाएं उपलब्ध हैं। टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड प्रदेश में आधुनिक तकनीक पर आधारित थर्मल पॉवर प्लांट लगाने जा रहा है। इससे 1 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश की इच्छा जताई।
रमणीक पॉवर बालाघाट के उद्योगपति हर्ष त्रिवेदी ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश में 50 करोड़ रूपये के निवेश से उद्यम शुरू किया था, जिसे प्रदेश की उद्योग हितैषी नीति से हमने 350 करोड़ के निवेश तक पहुंचाया है। हम अब यहां 500 करोड़ रूपए का निवेश करेंगे। मध्यप्रदेश में अच्छी सड़कें, रेलमार्ग और अन्य सुविधाएं उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर रही हैं। प्रदेश जहां कभी बिजली की कमी थी, अब वह दूसरे राज्यों को बिजली दे रहा है। यहां बड़ी संख्या में प्रशिक्षित श्रमिक और तकनीशियन हैं। मध्यप्रदेश शीघ्र ही देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।
रिलायंस एनर्जी के रवि कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर संभाग में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर साहसी कदम उठाया है। यह छोटे और बड़े दोनों निवेशकों के लिए बड़ा असरदार रहा है। रिलायंस ने शहडोल से नेचुरल गैस पर आधारित उद्योग 20 वर्ष पहले स्थापित किया था, इसमें 6 हजार करोड़ का निवेश कर शहडोल से फूलपुर उत्तरप्रदेश तक 250 किलोमीटर तक गैसपाईप लाईन बिछाई है। यह पूरा क्षेत्र गैस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र है।
सरदा एनर्जी रायपुर के उद्योगपति कमल किशोर शारदा ने कहा कि हम शहडोल क्षेत्र में कोयले पर आधारित स्टील प्लांट लगाने जा रहे हैं। साथ ही नवकरणीय ऊर्जा एवं थर्मल पॉवर में भी हम निवेश करेंगे। उद्योगों की स्थापना से इस पूरे क्षेत्र में खुशहाली आएगी। हम क्षेत्र के किशानों को हाईब्रिड बीज उत्पादन का प्रशिक्षण देकर क्षेत्र की खेती को भी बेहतर करने का प्रयास करेंगे। उद्योगपति नरेन्द्र गोयल ने कहा कि हम शहडोल क्षेत्र में 3 हजार करोड़ का निवेश करके सरिया बनाएंगे। हमनें यहां कोल ब्लाक लिया है, जिसमें शीघ्र उत्खनन होगा। कार्यक्रम में अन्य उद्योगपतियों ने भी निवेश के आकर्षक प्रस्ताव दिए।
प्रदेश की उद्योग फ्रेंडली नीतियां उपलब्ध सुविधाओं सुशासन से हुआ औद्योगिक विकास
प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने शहडोल क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 15.9 लाख एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं, जो 83 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। यह भारत में एमएसएमई का 7वां सबसे बड़ा आधार है। राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई नीति के तहत पूंजी सब्सिडी, गुणवत्ता प्रमाणन, ऊर्जा ऑडिट और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में एमएसएमई विभाग द्वारा 153.78 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 28.25 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध है। इस क्षेत्र में अब तक 916 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया है और 1.71 लाख रोजगार सृजित किए गए हैं। शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों के लिए “एक जिला, एक उत्पाद” (ODOP) योजना के तहत महुआ, कोदो-कुटकी, और हल्दी जैसे उत्पादों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
शहडोल क्षेत्र न केवल धार्मिक वरन पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां अमरकंटक से नर्मदा नदी सहित अन्य दो जोहिला और सोन नदियों का भी उद्गम होता है। शहडोल में वन उत्पाद महुआ, हल्दी, और कोदो-कुटकी के प्र-संस्करण में निवेश के अपार अवसर हैं। इन उत्पादों से खाद्य पदार्थ, औषधियां, पशु आहार और स्वास्थ्य सप्लीमेंट जैसे उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है। इसके साथ ही, क्षेत्र में कृषि प्र-संस्करण, खनिज प्र-संस्करण (चूना पत्थर, डोलोमाइट, बॉक्साइट), पर्यटन और कौशल विकास के लिए भी व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
स्टार्ट-अप के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रदेश में 4900 से अधिक स्टार्ट-अप हैं, जिनमें से 47% महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं। ये स्टार्ट-अप 72 इंक्यूबेटर्स और 4 अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स की सहायता से संचालित हो रहे हैं। सरकार स्टार्ट-अप के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए विपणन सहयोग और उत्पाद आधारित स्टार्ट-अप के लिए विशेष पैकेज प्रदान किए जा रहे हैं।
शहडोल क्षेत्र में औद्योगिक और स्टार्ट-अप विकास की अपार संभावनाएं हैं। शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में कुल पांच औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं, जिनमें 916 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया है। इनसे 1.71 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। यह क्षेत्र महुआ, बांस जैसे वनोपज एवं हल्दी के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है, जो औद्योगिक विकास के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
प्रदेश सरकार एमएसएमई और स्टार्ट-अप को निवेश पर 40% तक प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। इसके अतिरिक्त, ऊर्जा शुल्क में छूट, बिजली कर से मुक्ति, गुणवत्ता प्रमाणन और पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति जैसे लाभ दिए जा रहे हैं। खाद्य प्र-संस्करण, परिधान, खिलौना और फर्नीचर जैसे क्षेत्रों को विशेष सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति: अपर मुख्य सचिव श्रीवास्तव
अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष-2012 से 2024 तक राज्य में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता में 491 मेगावाट से 6418 मेगावाट की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में आने वाले वर्षों में ऊर्जा मुख्यतः नवकरणीय ऊर्जा पर आधारित होगी।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाएं पहले ही सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। रीवा सोलर पार्क और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट जैसे मेगा प्रोजेक्ट प्रदेश में संचालित है। आगर नीमच सौर परियोजना का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उदघाटन किया है। शाजापुर और नीमच जैसे प्रमुख सौर पार्क भी इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएंगे, जिससे राज्य की ऊर्जा क्षमता और अधिक सुदृढ़ होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शहडोल में आयोजित आरआईसी में विभिन्न उद्योगपतियों और उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन चर्चा की। खनन के क्षेत्र में कार्य कर रही शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स के सीएमडी कमल किशोर शारदा ने ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत एकीकृत स्टील प्लांट स्थापित करने की जानकारी दी। इसके लिए लगभग 500 एकड़ भूमि आवंटन किए जाने की बात मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सामने रखी। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव को प्रदेश में निवेशकों को बेहतर माहौल तैयार करने के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आश्वस्त किया कि निवेशकों को सभी तरह का सहयोग सरकार देगी। प्रदेश में ऊर्जा सेक्टर में निवेश की असीम संभावनाओं को देखते हुए टॉरेंट पॉवर के वाईस प्रेसिडेंट नवीन सिंह ने 18 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश से 800 मेगावाट के ताप विद्युत परियोजनाएँ स्थापित करने की इच्छा ज़ाहिर की। उन्होंने बताया कि इससे लगभग 7 हज़ार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा।
इसी प्रकार रिलायंस ग्रुप बिज़नेस हेड (कोल बेस्ड मीथेन) रवि कुमार प्रेक्की ने बातचीत के क्रम में मीथेन गैस निष्कर्षण के लिए अपनी आगामी कार्य योजना के बारे में बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेशक भरोसे के साथ निवेश करें, सरकार द्वारा हर संभव मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से वन-टू-वन चर्चा में गंगा खनिज डायरेक्टर अशोक कुमार चतुर्वेदी ने ऊर्जा,खनन के क्षेत्र में प्रस्तावित परियोजनाओं एवं प्रदेश में भविष्य की निवेश गतिविधियों के संबंध में बताया। बजरंग पॉवर एवं इस्पात के एमडी नरेंद्र गोयल ने खनन क्षेत्र में निवेश करने की रुचि दर्शाई। इसमें स्टील कॉम्प्लेक्स स्थापित कर इसके माध्यम से 15 सौ से अधिक रोज़गार सृजन होने की जानकारी दी। गोयल ने प्रदेश में निवेशकों को सकारात्मक और निवेश प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को शॉल भेंट की।
डॉ. यादव ने डीडीटीसी एक्ज़िम के सीएमडी उमाशंकर अग्रवाल से चर्चा की। अग्रवाल ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री में एकीकृत टेक्सटाइल मिल स्थापित किए जाने पर योजना से अवगत कराया इस परियोजना से लगभग 5 हज़ार से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्राप्त होगा। उक्त परियोजना के क्रियान्वयन में शासन से प्राप्त होने वाली समस्त अनुमति के सरलीकरण पर चर्चा की। वन-टू-वन चर्चा में ओरिएंट पेपर मिल के एमडी एवं सीईओ श्री अनंत अग्रवाल ने प्रदेश में प्रस्तावित परियोजनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. यादव से बातचीत कर पेपर निर्माण इकाई के विस्तारीकरण और उसके आधुनिकीकरण के बारे में अवगत कराया। इसी तरह खनन सेक्टर के क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा महावीर कोल रिसोर्सेस के डायरेक्टर अनुराग जैन, आर.के. ग्रुप के सीईओ राजेंद्र कुमार शुक्ला एवं जेएमएस माइनिंग के डायरेक्टर कल्याण कुमार हज़रा ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से ज़ाहिर की।
वन-टू-वन चर्चा के क्रम में खाद्य प्र-संस्करण सेक्टर की ग्रेनोक्सी के फाउंडर शुभम तिवारी ने वर्तमान में संचालित मिलेट प्र-संस्करण इकाई के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कंपनी मोटे अनाज का निर्यात करने विदेशों से ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं। ग्रीनवुड सोलर सोल्यूशन के सीईओ अनिकेत लाड ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को देखते हुए सोलर पैनल निर्माण प्लांट स्थापित किए जाने की कार्य योजना रखी।
शहडोल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के मुख्य आकर्षण
- 102 इकाइयों को 401 एकड़ भूमि आवंटित की गई।
- इनमें 3561 करोड़ से अधिक का निवेश होगा।
- इनसे 9561 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
- 30 इकाइयों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया गया।
- इनमें 572 करोड़ का निवेश और 2600 रोजगार सृजन होगा।
- औद्योगिक पार्क गोहपारू (दिया पीपर) शहडोल का भूमि-पूजन हुआ।
- 51 हेक्टेयर में 16.13 करोड़ की लागत से पार्क विकसित होगा।
- कॉन्क्लेव में 5 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए।
- आरआईसी में 50 से अधिक विशिष्ट अतिथियों ने भागीदारी की।
- तीन हजार से अधिक एमएसएमई उद्यमियों की सहभागिता हुई।
- एमएसएमई, पर्यटन और खनन क्षेत्र में अवसरों पर सेक्टोरल सत्र हुए।
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 15 से अधिक उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की।
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोकार्पित और शिलान्यास वाली इकाइयों के उद्यमियों से संवाद किया।
Comments
Add Comment