एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. कांग्रेस के पास अब कोई काम नहीं बचा है इसलिए वह चरित्र हनन की राजनीति कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कांग्रेस के दलालों की दुकान बंद कर दी है, इसलिए कांग्रेस के लोग छटपटा रहे है। कांग्रेस के समय रोजाना घोटाले होते थे। बीजेपी सरकार ने सुशासन और विकास दिया है। यह बात प्रदेश सरकार के पंचायतराज मंत्री महेन्द्रसिंह सिसोदिया ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। पंचायत मंत्री ने विगत दिनों कांग्रेस द्वारा उनके विभाग पर लगाए गए भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों का बिन्दुवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो झूठे आरोप लगाए है, उसके लिए वे कानूनी सलाहकार से चर्चा कर मानहानि का केस दर्ज करेंगे। साथ ही प्रदेश के सभी पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भी मानहानि का केस दर्ज करवायेंगे। सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान जबलपुर (एसआईआरडी) के तहत प्रशिक्षण में अनियमितता का आरोप लगाया था। जबकि एसआईआरडी द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग से विधिवत अनुमति और शर्तो को पूरा करते हुए काम किया है। उन्होंने बताया कि एसआईआरडी स्वायत्तशासी संस्थान है जो कि जनजाति वर्ग के बच्चों को प्रशिक्षण देने का काम करती है।
जिसका चेयरमेन विभागीय मंत्री और एसईएस व पीएस उपाध्यक्ष होते है। सचिव संस्थान का डायरेक्टर होता है। संस्थान का काम विभिन्न विभागों से ट्रेनिंग की व्यवस्था कर उन्हें संचालित करते हुए नीचे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास भ्रष्टाचार और घोटालों का रहा है इसलिए उसे हर जगह भ्रष्टाचार दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जनजाति विभाग ने अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के समूह को प्रशिक्षण दिए जाने की विधिवत एसआईआरडी को अनुमति प्रदान की। जिसके अंतर्गत 8 करोड 42 लाख की राशि स्वीकृत हुई, साथ ही दो शर्तो का उल्लेख किया गया। पहली जनजाति बाहुल्य पेसा एरिया में ही प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए और दूसरी इसकी प्रशासकीय स्वीकृति लेकर कार्य किया जाए। एसआईआरडी संस्थान में इन दोनों शर्तो को पूरा करते हुए तीन जिलों सिवनी, बडवानी और धार में प्रशिक्षण प्रारंभ किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्वीकृत राशि का पंचायतीराज प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने की बात कह रही है, जबकि सत्यता यह है कि आदिम जाति मंत्रालय में निर्वाचित प्रतिनिधि का प्रशिक्षण और एसएजी ग्रूप के प्रशिक्षण के दो प्रस्ताव तैयार किए गए थे। क्योंकि उस समय पंचायतों के चुनाव नहीं हुए थे और पंचायतों के कार्यकाल पूरा हो चुका था इसलिए निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण न करते हुए एसएजी ग्रूप के प्रशिक्षण का प्रस्ताव गया, जनजाति विभाग ने उस पर अनुमति प्रदान की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आरोप है कि प्रशिक्षण की राशि खर्च होने के पहले ही भारत सरकार को फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजा गया है। यह आरोप पूरी तरह तथ्यहीन है। जबकि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा भारत सरकार को इस कार्यक्रम के संबंध में कोई भी उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया है। एक सवाल के जवाब में सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस नेता जयवर्द्धन सिंह और उनके पिताजी दिग्विजय सिंह ने हमेशा झूठे आरोप लगाने और चरित्र हनन की राजनीति की है। कांग्रेस नेता उमंग सिंगार भी कई बार दिग्विजय सिंह के बारे में स्पष्ट कर चुके है।
मंत्री सिसोदिया पर लगाए आरोपों पर कांग्रेस कायम : मिश्रा
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया और आदिम जाति कल्याण विभाग पर लगाए गए अपने आरोपों पर कायम है। मिश्रा, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और मप्र कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन द्वारा संयुक्त पत्रकारवार्ता में मंत्री सिसोदिया पर मप्र के पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों में क्षमता संवर्धन संबंधी प्रशिक्षण करवाने के लिए रुपए 8 करोड़ 42 लाख का गबन किये जाने और सभी जिलों में होने वाला प्रशिक्षण केवल तीन जिलों (सिवनी, बड़वानी और धार) में कराये जाने का आरोप लगाया गया है, जिसमें भारी भ्रष्टाचार होने की बात कही गई है।
मिश्रा ने कहा कि मंत्री सिसौदिया यह अवगत करायें कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट को राज्य स्तर पर बदलने के अधिकार उन्हें कब प्राप्त हुए? वे यह भी बतायें कि एसीएस और पीएस का प्रस्ताव प्राप्त हुए बिना उन्होंने संचालक, पंचायती राज संस्थान के प्रस्ताव पर प्रशासकीय अनुमोदन किस हैसियत से किस नियम और किसके आदेश से दे दिया? मंत्रीजी यह भी बतायें कि वर्ष 2022 में राशि खर्च हो रही थी, फिर 2021 में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजने का आधार क्या है? सामान्य, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग पर ट्राइबल फंड की राशि किस नियम से खर्च की गई।
मिश्रा ने कहा कि लीपापोती और सरकारी धन की लूट के लिए हुए दिखावटी प्रशिक्षण में सामान्य/ अनारक्षित, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को प्रशिक्षण देना बताया गया है, जिस पर कांग्रेस पार्टी आज भी अपने बयान पर कायम हैं। खुद मंत्री, सिसोदिया ने अपनी टीप जावक क्रमांक-2755 / मंत्री/प.ग्रा. वि.वि./ 2021, दिनांक 17/03/2021 ने संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान, जबलपुर के प्रस्ताव पर आदिवासी विशेष केन्द्रीय सहायता राशि रूपए 842.78 लाख के उपयोग और प्रशिक्षण संबंधी प्रशासकीय अनुमोदन दिया, जो अवैधानिक है। मंत्री से अनुमोदन संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान, जबलपुर द्वारा दिनांक 16/03/2021 को यह प्रस्ताव सिसौदिया को भेजा गया, जिस पर दिनांक 16/03/2021 को ही संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल ने अपनी टीप और सहमति दर्ज कर दी और दिनांक 17/03/2021 को सिसौदिया ने अनुमोदन कैसे दे दिया?
कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट कहना है कि उक्त प्रशिक्षण पर खर्च में मनमानी की गई। समान रूप से पैसा खर्च नहीं किया गया। किसी पंचायत में प्रशिक्षण सामग्री नहीं दी, किसी में भोजन नहीं दिया। लेकिन पैसा पूरा खर्च कर दिया और वास्तविक रूप से खर्च होने के पहले ही जुलाई 2021 में भारत सरकार को उक्त राशि के पूर्ण उपयोग का फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेज दिया, जिसके तकनीकी तथ्य भी सामने आये हैं। कांग्रेस पार्टी मंत्री सिसोदिया के खिलाफ लगाये आरोपों पर पूरी तरह कायम है और यह मामला पूर्ण रूप से भ्रष्ट आचरण और पद के दुरूपयोग और लोकनिधि के दुरूपयोग और गबन का है। कांग्रेस पार्टी पुन: मांग करती है कि मंत्री सिसौदिया द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
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