एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निगम की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये जरूरी उपाय करने के निर्देश पर निगम द्वारा कार्रवाई शुरू की गई है। मध्यप्रदेश खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सॉफ्टवेयर के स्थान पर एनआईसी द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। इससे निगम को करोड़ो रुपए की बचत होगी।
मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा उपलब्ध कराये गये सॉफ्टवेयर के माध्यम से जिलों के द्वारा प्रेषित धन मांग-पत्र एवं उनको राशि उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता था। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जिलों को राशि उपलब्ध कराने की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करने में जहां एक ओर अत्याधिक समय लगता था वहीं दूसरी ओर बैंक के खातों में राशि रखने के कारण उस पर ब्याज के रूप में निगम को अनावश्यक वित्तीय भार वहन करना पड़ता था।
प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम पीएन यादव ने बताया है कि इस समस्या का समाधान एनआईसी के द्वारा विकसित किये गये ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के माध्यम से कराया गया है। इसके कारण जिलों की मांग एवं उन्हें राशि उपलब्ध कराने की संपूर्ण प्रक्रिया में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। साथ ही जिला स्तर पर अनावश्यक राशि रखने के कारण होने वाले ब्याज के व्ययभार से बचत की स्थिति निर्मित हुई है। अन्य संसाधनों की भी बचत हुई है। एनआईसी के द्वारा विकसित किया गया साफ्टवेयर ओटीपी आधारित होने के कारण ज्यादा सुरक्षित है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जिलों द्वारा की जा रही मांग को नियंत्रित करने के लिये विभिन्न राइडर्स लगाये गये हैं। विभिन्न कार्यालयीन व्यय जैसे टैक्सी किराया, स्टेशनरी, टेलीफोन, कम्प्यूटर रख-रखाय व्यय एवं विभिन्न आकस्मिक व्यय पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा रहा है। निगम द्वारा किये गये इन बदलावों से करोड़ो की वार्षिक बचत होना संभावित है।
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