एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
स्पोर्ट्स डेस्क. भारत की सिडनी टेस्ट में 6 विकेट से हार के साथ ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से जीत ली है। रविवार को मुकाबले के तीसरे दिन भारत ने दूसरी पारी में 162 रन का टारगेट दिया था। इसे ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर इस मैच में भी फेल रहा। यही भारत की हार की सबसे बड़ी वजह बनी। इस मैच में कप्तानी कर रहे जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी इनिंग में गेंदबाजी नहीं की। बुमराह ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान इंजर्ड हो गए।
टीम इंडिया का बैटिंग ऑर्डर एक बार फिर फेल हो गया। ऋषभ पंत ही दोनों पारियों में टॉप स्कोरर रहे, उनके अलावा कोई बैटर 30 रन भी नहीं बना सका। यशस्वी, राहुल, शुभमन और विराट चारों ही प्लेयर्स अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके।
पहली पारी में अच्छी बॉलिंग के बाद भारत ने 4 रन की बढ़त बनाई। दूसरी पारी में पंत ने 61 रन बनाए, उनके अलावा बाकी बैटर्स कुछ खास नहीं कर सके। पंत जब आउट हुए तब इंडिया का स्कोर 124 रन पर 5 विकेट था। इसके बाद अगले 5 बल्लेबाज 33 रन पर ऑलआउट हो गए। ऑस्ट्रेलिया को 162 रन का मामूली टारगेट मिला।
जसप्रीत बुमराह दूसरे दिन पहली पारी में बॉलिंग करने के दौरान इंजर्ड हो गए। वह स्कैन कराने के लिए गए, जहां बैक स्पास्म की शिकायत सामने आई। वह दूसरी पारी में बॉलिंग नहीं कर सके, जिससे टीम कंगारू बैटर्स पर दबाव नहीं बना पाई। बुमराह अगर फिट रहते तो ऑस्ट्रेलिया को टारगेट चेज करने में बहुत मुश्किल होती। पहली इनिंग में बुमराह ने उस्मान ख्वाजा और मार्नस लबुशेन के इम्पॉर्टेंट विकेट लिए थे।
बुमराह भले इंजर्ड थे, लेकिन टीम ने उनके बिना भी पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को ऑलआउट किया था। सिडनी की पिच बैटर्स के लिए चैलेंजिंग थी, इसके बावजूद भारत के बॉलर्स दूसरी पारी में कंगारू बैटर्स को रोक नहीं सके। पिच पर 7 MM की घास छोड़ी गई थी, जो पहले दिन से ही बैटर्स के लिए मुश्किल पैदा कर रही थी। तीसरे दिन दरारें आ गई थी, जिससे उछाल भी मिल रहा था, गेंद में स्विंग भी थी, लेकिन भारतीय बॉलर्स इसका फायदा नहीं उठा सके।
विराट कोहली जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आए थे तो उनसे फॉर्म में वापसी की उम्मीदें की जा रही थीं। उन्होंने पर्थ टेस्ट में सेंचुरी लगाकर फॉर्म भी पा लिया, लेकिन वह बाकी 4 टेस्ट में कुछ खास नहीं कर सके। सिडनी में वह 17 और 6 रन के स्कोर ही बना सके। वे इस दौरे पर 9 में से 8 पारियों में ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर आउट हुए। कोहली जैसे दिग्गज बैटर का परफॉर्म नहीं कर पाना भी भारत की हार की बड़ी वजह बना।
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