एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
श्रीनगर. हिंदुस्तान के पड़ोसी मुल्क चीन—पाकिस्तान सीमा पर इस समय भारतीय लड़ाकू विमान तेज की गड़गड़ाहट गूंज रही है। कश्मीर चीन—पाकिस्तान के लिहाज से संवेदनशील होने के कारण अहम माना जा रहा है। हाल ही में करगिल दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आतंकवाद के मुदृदे पर यहां तक कहा था कि जरूरत पड़ी तो हम एलओसी पार भी कर सकते हैं।
दरअसल, भारतीय वायुसेना ने चीन—पाकिस्तान सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस पर हल्के लड़ाकू विमान तेजस MK-1 को तैनात किया है। भारतय सेना का कहना है कि उसके पायलट्स घाटी में उड़ान का अनुभव ले रहे हैं। माना जा रहा है कि कश्मीर, पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान के लिहाज से संवेदनशील है। तेजस MK-1 मल्टीरोल हल्का लड़ाकू विमान है जो वायुसेना को कश्मीर के जंगल और पहाड़ी इलाकों में और मजबूत करेगा।
एयरफोर्स के पास 31 तेजस विमान
भारतीय वायु सेना के पास फिलहाल 31 तेजस विमान मौजूद हैं। सेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अपने तेजस विमानों को पहले भी ले जाती रहती है। इसके पीछे उन्हें हिमालय की घाटियों में उड़ान भरने का अनुभव हासिल करना बताया जाता है।
वायुसेना की नजर M2 और AMCA पर भी है
भारतीय वायु सेना तेजस की कैपेबिलटीज बढ़ाने पर खासा जोर दे रही है। वायु सेना ने पहले ही दो स्क्वाड्रनों को इसके इनीशियल और फाइनल ऑपरेशन की मंजूरी दी है। 83 मार्क1A के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट फाइनल कर लिया है। ये सभी 83 विमान अगले 1—2 साल में वायुसेना को मिल जाएंगे। हालांकि, वायुसेना की नजर DRDO में डेवलप किए जा रहे LCA मार्क-2 और एडवांस्टड मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट AMCA पर भी टिकी है। ये लड़ाकू विमान पहले से पाकिस्तानी और चीनी JF-17 फाइटर जेट की तुलना में अत्यधिक पावरफुल हैं। इसमें हैमर जुड़ने से यह विमान और ज्यादा हाईक्लास हो गया है।
वाजपेयी ने दिया था एयरक्राफ्ट को तेजस नाम
तकरीबन 18 सालों की कड़ी मेहनत के बाद 2001 के जनवरी के महीने में पहली बार स्वदेशी फाइटर जेट तेजस ने हिंदुस्तान के आसमान में उड़ान भरी थी। तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। सन 2003 में वाजपेयी ने ही इसे तेजस नाम दिया था। प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कहा था कि ये संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब चमक है।
इन खूबियों से सजा है तेजस
तेजस विमान के 50 फीसदी कलपुर्जे—मशीनरी स्वदेशी यानी हिंदुस्तान में ही तैयार हुई है। इसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिए इजराइल की EL/M-2052 रडार को लगाया गया है, इससे तेजस एक साथ 10 लक्ष्यों को भेदने की ताकत रखता है। यही नहीं बेहद कम जगह करीब 460 मीटर के रनवे पर न सिर्फ टेकऑफ करने की क्षमता रखता है, बल्कि यह फाइटर जेट अपने समानांतर विमान की तुलना में ही सबसे ज्यादा हल्का सिर्फ 6.5 टन का है।
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