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जन्माष्टमी की धूम, श्रीकृष्ण को पहनाएं हीरे—मोती

नई ​दिल्ली. हिंदू त्योहार जन्माष्टमी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी, गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी या श्रीजयंती के नाम से भी जाना जाता है, विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद माह के दौरान कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ने वाली यह तिथि इस वर्ष 6 और 7 सितंबर को पड़ रही है। इस त्यौहार के दौरान प्रमुख अनुष्ठानों में से एक उपवास है, जो कई भक्तों द्वारा 24 घंटों तक मनाया जाता है, जो आधी रात की दावत या भगवान कृष्ण को अर्पित किए गए भोग के साथ समाप्त होता है। कृष्ण जन्माष्टमी के इस शुभ अवसर को मनाने के लिए देशभर में उत्साह है। 

इधर, कृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार को जयपुर में धूमधाम से मनाई जाएगी और भगवान कृष्ण राज्य की राजधानी में जौहरियों द्वारा विदेशों से लाए गए मोतियों, हीरों और पत्थरों से जड़ी पोशाक पहने नजर आएंगे। श्री कृष्ण बलराम मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी सबसे बड़ा उत्सव है। कृष्ण बलराम मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास ने कहा कि इस उत्सव के लिए महीनों से तैयारी चल रही है, उन्होंने कहा कि वृन्दावन से लाए गए विशेष प्रकार के चमकीले रेशमी कपड़े नवरत्नों और हीरों से बने परिधानों में आकर्षण जोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि जयपुर में भगवान श्रीकृष्ण-बलराम की पोशाक में जयपुर के विशेष जौहरियों द्वारा विदेश से लाए गए नवरत्न और हीरे जड़े गए हैं। 

दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता से लाए गए विशेष रंग-बिरंगे फूल भगवान को सजाएंगे। जन्माष्टमी पर आने वाले लाखों भक्तों की सुविधा के लिए पांच स्थानों पर व्यवस्था की गई है। भक्त आकर्षक नवरत्न पोशाक में भगवान कृष्ण के दिव्य दर्शन कर सकेंगे। सुरक्षा व्यवस्था में करीब 1,600 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे, जिनमें पुलिसकर्मी, एनसीसी कैडेट और मंदिर के 1,000 स्वयंसेवक शामिल होंगे। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी तीन थाने की पुलिस करेगी। मंदिर की सुरक्षा पुलिसकर्मी संभालेंगे। 250 सीसीटीवी कैमरे और मेटल डिटेक्टर युक्त गेट भी लगाए गए हैं।

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