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पॉल्यूशन बढ़ा तो बढ़ेगी सख्ती, 90 हजार मजदूरों को 8 हजार दें : SC

नई दिल्ली. दिल्ली प्रदूषण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट दिल्ली में GRAP पाबंदियों में ढील देने को राजी हो गया है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि पाबंदियां GRAP 2 से नीचे नहीं जानी चाहिए।

दरअसल, कमेटी फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बताया कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम हुआ है। इसलिए अब हमें GRAP की पाबंदियां कम करने की जरूरत है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि आगे और मॉनिटरिंग की जरूरत है। अभी हम कमीशन को ग्रैप 2 लागू करने की इजाजत देते हैं। बेहतर होगा कि कमीशन ग्रैप 3 की भी कुछ जरूरी पाबंदियों को लगाए रखें। साथ ही अगर कभी भी AQI 350 के पार जाता है तो तुरंत ग्रैप 3 की पाबंदियां लगाई जाएं। ऐसे ही 400 पार जाने पर ग्रैप 4 की पाबंदियां फिर से लगाई जाएंगी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने GRAP 4 की पाबंदियां लागू रहने के दौरान मजदूरों को दिए गए हर्जाने को लेकर चार राज्यों से जानकारी ली। दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट शादान फरासत ने कहा कि हमने 90 हजार मजदूरों को 2 हजार का भुगतान किया है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि 90 हजार मजदूर 8 हजार रुपए के हकदार हैं। आप बचे हुए 6 हजार कब तक देंगे। क्या आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं। हम कंटेम्प्ट नोटिस जारी कर रहे हैं।

CAQM ने कहा कि AQI लेवल में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। दिल्ली में नवंबर-दिसंबर में हमेशा ऐसे ही हाल रहते हैं। हमारे वातावरण और मौसम के हिसाब से हमारे यहां की हवा यूरोपीय देशों जैसी नहीं हो सकती। इसलिए AQI लेवल के हिसाब से ही ग्रैप रिस्ट्रिक्शन लगाए जाएं। अगले एक हफ्ते के AQI अनुमान के हिसाब से हम ग्रैप 2 लेवल की पाबंदियां लगाने का सुझाव देते हैं।

अमिकस अपराजिता सिंह ने कहा कि हम नहीं मानते कि दिल्ली में प्रदूषण के हालात और नहीं सुधर सकते। ये इम्प्लीमेन्टेशन की प्रॉब्लम को दर्शाता है। ग्रैप 4 की ग्राउंड लेवल रियलिटी चैक करनी होगी। कई चीजें सिर्फ कागजों पर है। दिल्ली में अभी भी कचरे को खुले में जलाया जा रहा है। हम ग्रैप 4 से बाहर आ सकते हैं लेकिन कमीशन को इसमें सहयोग करना होगा और योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से करना होगा।

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