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SIM Card बेचने नई गाइडलाइन, 10 लाख तक जुर्माना

नई दिल्ली. देशभर में साइबर क्राइम के तेजी से बढ़ते  मामलों को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है। साइबर क्राइम के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड जारी करने को लेकर नया नियम बनाया है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैश्नव ने एक बयान में कहा है कि डिजिटल फ्रॉड्स को रोकने के लिए सरकार ने थोक में सिम कार्ड बेचने के लिए सिम डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार के इस कदम से फर्जी सिम कार्ड की बिक्री और एक ही नाम या ID पर कई सारे सिमकार्ड की बिक्री पर रोक लगेगी, इससे स्पैमिंग में भी कमी देखने को मिलेगी।

67 हजार से अधिक डीलर्स ब्लैकलिस्ट

नई सिम कार्ड को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई हैं। अभी तक 52 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं, जबकि 67,000 डीलर्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। मई 2023 से अभी तक सिमकार्ड डीलर्स के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं। फर्जी सिम कार्ड गिरोह में शामिल करीब 66,000 WhatsApp अकाउंट को भी ब्लॉक किया गया है। नई गाइडलाइन के मुताबिक बिना पुलिस वेरिफिकेशन सिम कार्ड बेचने पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना है। सरकार के मुताबिक, देश में करीब 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं, जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा।

वेरिफिकेशन कराना जरूरी

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अगर आप बिजनेस के लिए एक से ज्यादा सिम कनेक्शन लेते हैं, जिसे आपको अपने कर्मचारियों में बांटना है, तो हर उस व्यक्ति का अलग-अलग KYC कराना जरूरी होगा, जिसे सिम दिया जाना है। अगर आपने बिजनेस पर्पस से 1000 सिम कार्ड लिए हैं, जिसे आपको अपने कर्मचारियों को देन है, तो आपको हर कर्मचारी का KYC कराने के बाद ही सिम देना होगा। मालूम हो कि देशभर में 10 लाख से ज्यादा सिम कार्ड डीलर हैं। नए नियम के तहत पुलिस वेरिफिकेशन के लिए सभी को पर्याप्त समय दिया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे साइबर ​क्राइम के बढ़ते मामलों को रोकने में काफी मदद मिलेगी।

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